इंद्रकुमार विश्वकर्मा | NavprabhatTimes.com
मेजर गोगोई द्वारा कश्मीरी व्यक्ति का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किए जाने का पुरजोर बचाव करते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ‘घृणित युद्ध‘ का सामना कर रही है, जिसे ‘नये’ तरीके से लड़ने की जरूरत है। रावत ने कहा कि मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य बल के युवा अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना था, जो आतंकवाद प्रभावित राज्य में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हैं। सेना प्रमुख ने अलगाववादियों को चुनौती देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि वे पथराव की बजाय हथियार चलाएं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना बड़ी ही विषम परिस्थितियों में आतंकवाद व विद्रोह की मौजूदा स्थिति से निपटने का प्रयास कर रही है। पिछले महीने एक व्यक्ति को सेना की जीप से बांधने और पथराव करने वालों के खिलाफ उसका इस्तेमाल मानव कवच के रूप में करने वाले मेजर लीतुल गोगोई को सेना प्रमुख ने सम्मानित किया था, जिसकी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी समूहों और सेना के कुछ सेवानिवृत्त जनरलों ने आलोचना की थी।
मेजर गोगोई ने भी मीडिया के सामने आकर पूरी घटना की जानकारी दी थी। इसके पहले पिछले महीने सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों द्वारा चुनावी ड्यूटी में आए CRPF के जवानों की पिटाई का वीडियो भी वॉयरल हुआ था।
कश्मीरी युवाओं ने अलगाववादियों के बंद को नकारा
इससे पहले शुक्रवार से शनिवार के बीच चले सेना की कार्रवाई में मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार बट के मारे जाने के बाद अलगाववादियों की तरफ से घाटी में 2 दिन के बंद का एलान किया था।
कश्मीर बंद पर करारा तमाचा, सेना भर्ती परीक्षा में उमड़ी यवाओं की भीड़
स्थानीय युवाओं ने अलगाववादियों के इस बंद को ठेंगा दिखाते हुए तकरीबन हजारों की तादाद में युवा रविवार को सेना भर्ती परीक्षा में शामिल हुए। मेजर जनरल एके सिंह ने बताया कि, कश्मीरी युवा उत्साहित होकर परीक्षा में शामिल हुए, अपने प्रयासों से हम उन्हें सही दिशा दिखाने में कामयाब होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, अभी भी पाकिस्तानी लांचपैड पर 200-250 आतंकी मौजूद हैं, और पाकिस्तान लगातार इस कोशिश में है कि कब उन आतंकियों को भारतीय सीमा में दाखिल करवाया जाए।