पुणे: जिले में कोरोना का संक्रमण प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में कोरोना विषाणु संक्रमण प्रतिबंधात्मक कार्यक्रम के अनुसार पुणे महानगरपालिका की ओर से सैकड़ों शिक्षकों को कोरोना सर्वेक्षण के काम में लगाया गया है। इस आदेश के अनुसार आपातकालीन परिस्थिति में सैकड़ों शिक्षक राष्ट्रीय आपदा को ध्यान में रखते हुए सर्वेक्षण हेतु इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल हुए। प्राथमिक शिक्षक समन्वय समिति ने कोरोना सर्वेक्षण में 14 दिन से अधिक समय से कार्य में लगे शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरदचंद्रजी पवार (खासदार), सुप्रिया सुळे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे, सामान्य प्रशासन विभाग दत्तात्रय भरणे आदि को अर्जी दी।
पुणे महानगरपालिका, प्राथमिक शिक्षक समन्वय समिति द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे इस पत्र के अनुसार सर्वेक्षण कार्य में लगे कई शिक्षक 14 दिन से अधिक समय से लगे हुए हैं। कई शिक्षक 24 दिनों की कार्यावधि भी पूर्ण कर चुके हैं। इस पत्र में ऐसे शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की मांग की गई है। पत्र के अनुसार हर शिक्षक को प्रतिदिन १०० घरों का सर्वेक्षण करना निर्बंधित किया गया है। ऐसे में 14 दिन से अधिक समय से कार्य में लगी टीम को बदलना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यावश्यक है, इसमें उन परिवारों की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अत्यंत आवश्यक है जिनके सर्वेक्षण के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे शिक्षक जा रहे हैं।
इस पत्र में यह भी बताया गया है कि इस कार्य के लिए शिक्षकों को प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। सर्वेक्षण के लिये जानेवाले शिक्षकों को एक मास्क और दो शिक्षकों मे एक सॅनीटायझर तथा एक हॅन्ड ग्लोज दिया गया है। महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग की ओर से समुचित पूर्व नियोजन न होने की बात भी कही गई है।
पत्र के अनुसार शिक्षकों को बिना प्रशिक्षणव सर्वेक्षण हेतु पुणे के विभिन्न क्षेत्रों मे भेजा गया। शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना सर्वेक्षण पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से हर दिन सौ घरो का सर्वेक्षण करना बंधनकारक किया गया है। 14 दिन के कार्य के बाद निवेदन के बावजूद शिक्षकों को कार्यमुक्त करने के में प्रशासन की ओर से कोई भी सकारात्मक कदम न उठाया गया, इस पर नाराज हुए शिक्षकों की ओर से अनेक शिक्षक संघटना ने विरोध जताया।
पुणे स्थित प्राथमिक शिक्षक समन्वय समिति के पदाधिकारी नितीन राजगुरु, सचिन वाडकर, बाळकृष्ण चोरमले, विकास काटे, नजन बंडोपंत आदि ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरदचंद्रजी पवार (खासदार), सुप्रिया सुळे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे, सामान्य प्रशासन विभाग दत्तात्रय भरणे को दिए अपने इस पत्र के माध्यम से कोरोना सर्वेक्षण में 14 दिन से अधिक समय से कार्य में लगे शिक्षकों को कार्यमुक्त करने की मांग की है।