Tag: Amaldar ‘Neehar’
युद्ध के विरुद्ध – अमलदार ‘नीहार’ की कविता
(यूक्रेन पर रूस द्वारा किये गये हमले के संदर्भ में..)
नये तानाशाह पुतिन ने पोत दी है कालिख
मनुष्यता के उजले ललाट पर,
अपनी ताकत के नशे...
रक्षाबंधन पर्व पर विशेष : नीहार के दोहे
राखी साखी प्यार की, बन पावन त्योहार।
भाई-बहनों के हिये जीवन भर का प्यार।। 2023।।
बचपन की पहली सखी, सहोदरा, मनमीत।
प्यारे दुश्मन भी सगे, दिल के...
बदलते दौर का दस्तावेज़ – नीहार के दोहे
लकड़ी दुर्लभ--दाह को मुश्किल आग मसान।
ऐसा कौन गुनाह जो, सहे मौत अपमान।। 1962।।
गंगा ने पूरे किये 'माँ' के सारे फर्ज़।
लाश तैरती गोद में, भारी...
नाटक अभी जारी है (कहानी ) – डॉ.अमलदार नीहार
बात बहुत पुरानी है, शायद सात-आठ सौ बरस या उससे कुछ पहले की। तब हिमालय और समुद्र से घिरे इस विशाल भूभाग पर छोटी-छोटी...