Tag: Hubnath Pandey Poem
अभी ज़िंदगी शुरू नहीं हुई (कविता) – हूबनाथ पांडेय
अभी अभीजंगलों से निकले हैंकाफ़िलेनंगे भूखे आदिमानवों केअभी अभीखोजी है आगभूनना भर सीखा हैपर अनाज नहीं हैफलों का मौसम दूर हैवनस्पतियां झुलस गई हैंआसमान...
वाइरस (कविता) – हूबनाथ पांडेय
ईश्वर छुट्टी पर चला गया
भक्त आइसोलेशन में
एक वाइरस ने
किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रखा
चुनौती की भाषा में चीखने वाले
समझौते की ज़बान पर उतर...