Tag: Poems by mahesh Vishwakarma
महेश विश्वकर्मा की पाँच कविताएँ
चुनाव
इस चुनावी
मौसम में
स्वार्थ साधने
सारी पार्टियां
युद्ध स्तर पर
शब्दों के
बाण चलाएंगी
आरोप प्रत्यारोप के स्ट्राइक में
अभद्रता के बम गिरेंगे
कुतर्क के गोले दगेंगे
शालीनता की हदें
लांघी जाएंगी
चौकीदार और...