Tag: Vidushak poem by Hubnath Pandey
विदूषक ( कविता ) – हूबनाथ पाण्डेय
उसने अभिनय किया भूख का
तमाशाइयों की ऐंठ गईं
अँतड़ियाँ भीतर तक
बच्चे बिलबिलाकर
मर गए
उसने अभिनय किया
शौर्य का
नौजवान लाशें
ताबूतों में भर भर
रवाना हुईं
वह खेतों में गया
किसान...