कानपुर: यूँ तो कहने को योगी सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने का दिन-रात प्रयास कर रही है, लेकिन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए उनके ही कुछ अधिकारी गरीबों के खाते में डाका डालने का दिन रात प्रयास कर रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में जो शौचालय के नाम पर सरकार द्वारा गरीबों के लिए पैसा जारी किया गया था, वह पैसा सरकार ने गरीबों को भेजा तो जरूर था, लेकिन वह पैसा गरीबों को नसीब तो न हुआ, बल्कि बीच के अधिकारियों द्वारा इन गरीबों की योजनाओं के पैसों से अपनी जेब भर ली गई।
गाँव के लोगों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कानपुर जिले के घाटमपुर ब्लाक के अंतर्गत स्थित गढोलामऊ ग्रामसभा की प्रधान श्यामा देवी प्रधानपति हनुमान यादव द्वारा 2016-17 और 2017-18 में शौचालय के लिए सरकार से पैसा जारी करवाया गया था। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें शौचालय तो अभी तक मिला नहीं और उन्हें आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम प्रधान ने सम्बन्धित खंड विकास अधिकारी गंगाराम यादव की मिलीभगत से कई व्यक्तियों के नाम पर 2-2 तो कई के नाम पर 3-3 शौचालय जारी करवाकर पैसा निकाल लिया है। जमीनी हकीकत पर पता चला कि इनमें से किसी भी लाभार्थी का एक शौचालय तक नहीं बना है। इनमें से गढोलामऊ ग्राम सभा के जय करन, मालती देवी, कलावती, अनीता आदि भी हैं।
ग्राम निवासियों के अनुसार लगभग 80 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम पर (12,000/- रूपये प्रति लाभार्थी) शौचालय पास तो हुआ, लेकिन उनको भनक तक नहीं लगी, कि पैसा आया भी और खर्च भी हो गया,वहीं ग्रामीण लोगों को शौचालय देखने तक को नहीं मिला। ऐसा करके ग्राम प्रधानपति हनुमान यादव ने शौचालय के नाम पर सरकार के खजाने से लाखों रूपये की चपत लगा दी है।
गाँव वालों ने इस पूरे प्रकरण में खंड विकास अधिकारी गंगाराम यादव के भी शामिल होने की आशंका जताई। उनके अनुसार BDO (घाटमपुर), ADO पंचायत (घुघुआ) और प्रधानपति हनुमान यादव ने सरकार के खजाने से लाखों रूपये का बंदरबाँट कर लिया। इस प्रकरण में जब खंड विकास अधिकारी गंगाराम यादव से पत्रकारों ने बात करनी चाही, तो वे कोई जवाब तक न दे सके और टालमटोली करने लगे।इस पूरे प्रकरण के बारे में जब सी.डी.ओ अक्षय त्रिपाठी से बात की गई, तो उन्होंने किसी को भी इस मामले में गलत पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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