उ.प्र. के रायबरेली जिले में स्थित NTPC प्लांट का बॉयलर फटने से बड़ा ही दर्दनाक हादसा हो गया है। 6 नम्बर यूनिट में बॉयलर फटने से हुए इस हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इस घटना में करीब 100 लोग घायल हुए हैं और एक दर्जन लोगों की हालत गंभीर है। वहीं NTPC ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। राहत और बचाव के लिए NDRF की टीम ऊंचाहार पहुंच चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार NTPC में करीब 1500 कर्मचारी कार्यरत हैं। इस घटना में झुलसे लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं लखनऊ के KGMU, सिविल, लोहिया, PGI अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है। रायबरेली शहर में कण्ट्रोल रूम बनाया गया है। जिसका हेल्पलाइन नंबर- 0535-2703301, 0535-2703401, 0535- 2703201 है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस हादसे को लेकर गहरा दुख जताया है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना जाहिर करते हुए उनके परिजनों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार का मुआवजा दिया जाएगा। सभी घायलों का इलाज सरकार अपने खर्च से कराएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से बात की है और उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को भी निर्देश दिया है कि वह हरसंभव सहायता करें।
सीएम योगी ने राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को राहत एवं बचाव के सभी उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह हादसा शाम करीब 4 बजे हुआ। घटना में झुलस चुके कई मजदूरों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। NTPC में CRPF की कई कंपनियां तैनात हैं और मीडिया सहित सभी बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 40 से 50 लोग गंभीर रूप से जले हुए हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। उस इलाके में उपलब्ध सभी एम्बुलेंस को सेवा में लगा दिया गया है। जिले के सभी आला अधिकारी घटनास्थल पर हैं। NDRF की 32 सदस्यों की एक टीम ऊंचाहार के लिए रवाना हो चुकी है। यह टीम सभी सुविधाओं से लैस है।
जानकारी के मुताबिक यह हादसा NTPC ऊंचाहार की 500 मेगावॉट की छठी यूनिट में हुआ है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए ऊंचाहार सीएचसी से लेकर जिला अस्पताल तक अलर्ट जारी कर दिया गया। सभी चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को आपातकालीन ड्यूटी पर बुला लिया गया है। अस्पताल के बाहर और भीतर पीड़ितों के परिजनों की भीड़ है।