हमारी सांसों पर हरदम कोराना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि यह सांस के जरिए ही हमारे शरीर में प्रवेश करता है। इस Virus के बारे में आये दिन नई-नई जानकारी मेडिकल सायंटिस्ट्स द्वारा दी जा रही है। अमेरिका, इटली और चीन में Corona के कुछ ऐसे मरीज मिले, जिनमें शुरुआती स्तर पर इस बीमारी के लक्षण नजर ही नहीं आ रहे थे।
जर्मनी में शोधकर्ताओं ने कोविड-19 से ठीक हो चुके 45-53 साल की उम्र के 1 हजार लोगों का अध्ययन किया। शोध के दौरान पता चला कि 33 लोगों को अस्पताल में दाखिल होना पड़ा जबकि 67 लोग घर पर ही इलाज से ठीक हो गए। उन्होंने संक्रमित होने की तिथि से दो महीनों का MRC स्कैन का अध्ययन किया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी इस बात को सुनिश्चित बनाया जाना है कि लोगों में कैसे सामान्य दिल की समस्या पाई गई। उन्होंने अपने शोध को बड़ी आबादी पर अंजाम देने की बात कही है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय तक मरीजों के दिल के स्वास्थ्य पर संक्रमण के प्रभाव की मौजूदगी नहीं दिखाई दी।
हालांकि शोध के बारे में मुंबई के एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष कुमार कहते हैं, “इस तरह के खतरे भविष्य में लोगों को दिल की धड़कन के रुकने का कारण बन सकते हैं।”
इस दौरान दो तिहाई लोगों में दिल संबंधी असामान्य लक्षण दिखाई दिए। शोधकर्ताओं ने दिल की मांसपेशियों में सूजन या मायोकार्डिटिस की पहचान की। ज्यादातर लोगों के खून में दिल के नुकसान का सूचक ट्रोपोनिन प्रोटीन पाया गया। ट्रोपोनिन आम तौर पर दिल की कोशिकाओं में पाया जाता है।