कोरोना वायरस ने अब लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल दी है। इस वायरस ने लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग सीखा दिया। संक्रमण से फैलने वाले इस वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। मौत का आंकड़ा दो लाख पार है, जो तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस वायरस का कोई इलाज नहीं बना है।
जर्नल फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, एक बार जब कोरोना वायरस के खिलाफ जब एक बड़ी जनसंख्या हर्ड इम्युनिटी प्राप्त कर लेगी तो वायरस का प्रसार कम हो जाएगा. साथ ही वायरस मौसमी उतार-चढ़ाव से भी प्रभावित होगा.
लेबनान के अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरुत के वरिष्ठ लेखक हसन जरकट ने अपने अध्ययन में चेतावनी दी है कि कोरोना यहीं रहने वाला है और जब तक हर्ड इम्युनिटी विकसित नहीं हो जाती है, यह साल दर साल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इसलिए जनता को कोरोना के साथ रहना सीखना होगा. इसके अलावा मास्कर पहनना, बार-बार हाथ धोना और समारोहों में जाने से बचना होगा जो सबसे अच्छे रोकथाम हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि हर्ड इम्युनिटी पाने से पहले कोरोना के कई दौर आ सकते हैं.