रूस ने दुनिया की पहली कोरोना रजिस्टर कर दी है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसके पास अभी तक रूस के जरिए विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन से जुड़ी स्वास्थ्य चिंताओं के बीच पिछले सप्ताह रूस से कहा था कि वह कोविड-19 का टीका बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करे.
डब्ल्यूएचओ के वेस्टर्न पैसिफिक रीजनल डायरेक्टर ताकेशी कसई के अनुसार, देशों को कोविड-19के प्रति अपने कामों को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर ज्यादा निर्भर न रहें क्योंकि शुरुआत में ज्यादा डिमांड के चलते उसकी पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाएगी। ताकेशी ने कहा,जब तक सारे देश प्रोटेक्ट नहीं होते, कोई देश सेफ नहीं है।
मॉस्को में भारतीय दूतावास लगातार रूसी स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिस गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट,जिसने रुसी कोरोना वैक्सीन बनाई है, उससे दूतावास के अधिकारी बात कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ही वैक्सीन के इस्तेमाल को हरी झंडी दी गई है। भारतीय दूतावास वैक्सीन की सेफ्टी और प्रभाव के डेटा का इंतजार कर रहा है। वेस्टर्न कंट्रीज वैक्सीन पर शक जाहिर कर चुके हैं वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वैक्सीन के पूरी तरह सेफ होने का दावा किया है।