दिल्ली एम्स में कोरोना के वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए खुद का नाम रजिस्टर कराने वाले लोगों में लगभग 20 फीसदी ऐसे हैं जिनमें कोरोना के खिलाफ पहले से एंटीबॉडी पाए गए हैं. ऐसे लोगों को ह्यूमन ट्रायल के लिए अनफिट करार दिया गया है.
एम्स में देश के पहले कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है जिसमें लोगों को शामिल किया जा रहा है.एम्स में 80 से ज्यादा वॉलंटियर्स के सेहत की जांच की गई, लेकिन इनमें से सिर्फ 16 लोगों को ट्रायल के लिए चुना गया. वैक्सीन की पहली खुराक दिए जाने के बाद इनकी कम से कम दो हफ्ते तक निगरानी की जाएगी.
एम्स के एक सीनियर डॉक्टर का कहना है कि ट्रायल में सिर्फ स्वस्थ वॉलंटियर्स को ही शामिल किया जाता है. लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम है. करीब 20 फीसदी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी पाए गए हैं. इसका मतलब है कि वे पहले ही संक्रमित हो चुके हैं. कुछ लोगों को हार्ट और डायबिटीज की समस्या है. अगर व्यक्ति पहले संक्रमित हो चुका है तो उसपर वैक्सीन का अध्ययन करना मुश्किल है.