लोगों में यह धारणा बन गई है कि एक बार कोरोना संक्रमित होने के बाद दोबारा वे बीमार नहीं हो सकते हैं। लिहाजा लापरवाही बरतते हुए खुलेआम बिना मास्क के घूमते रहते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना का संक्रमण दोबारा भी हो सकता है। दोबारा कोरोना संक्रमित होने पर पहले के मुकाबले खतरा बढ़ जाता है।
यह निष्कर्ष एंटीबॉडी (सीरोलॉजिकल) के साथ-साथ वायरल डिटेक्शन (रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस-पोलीमरेज चेन रिएक्शन, या आरटी-पीसीआर) परीक्षणों पर आधारित है, जो पोत के रवाना होने से पहले और उसके लौटने पर किए गए थे। समुद्र में 18 दिन बिताने के दौरान, चालक दल के 122 सदस्यों में से 104 एक ही स्रोत से वायरस की चपेट में आए।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (यूडब्ल्यू) के मेडिसिन क्लिनिकल वायरोलॉजी लेबोरेटरी के सहायक निदेशक और अध्ययन के लेखकों में से एक अलेक्जेंडर ग्रेनिंजर ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि एंटीबॉडी को बेअसर करने और सार्स-कोव-2 से सुरक्षा के बीच कोई संबंध है। इसपर और ज्यादा शोध करने की आवश्यकता है। चूंकि एन नंबर (एंटीबॉडी वाले लोगों