सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को प्रदर्शन करने पर लगाईं फटकार कहा-“पूरे शहर को बंधक नहीं बना सकते”

हाड़ कंपा देने वाली ठंड में प्रदर्शन  कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। इस बीच दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल एक किसान की गुरुवार को तड़के सुबह टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई|

इस मामले में कोर्ट ने 8 संगठनों को पार्टी बनाया है इनमें भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), बीकेयू सिधुपुर, बीकेयू राजेवाल, बीकेयू लाखोवाल, जम्हूरी किसान सभा, बीकेयू दकौंडा, बीकेयू दोआबा, कुल हिंद किसान फेडरेशन हैकोर्ट ने विवाद के हल के लिए एक कमेटी बनाने की भी बात कही है. इस कमेटी में आंदोलनकारी संगठनों के साथ, सरकार और देश के बाकी किसान संगठनों के भी लोग होंगे.

उधर किसान संगठनों ने बुधवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि डिजिटल प्लेटफार्म को चलाने का फैसला किया है जो गुरुवार तक शुरू हो जाएगा. जिस दिन से आंदोलन शुरू हुआ है उस दिन से हमारा कोई डिजिटल प्लेटफार्म नहीं था, आज हम अपना प्लेटफार्म शुरू करेंगे, कल तक हो जाएगा, “किसान एकता मोर्चा” #डिजिटल किसान, #किसान एकता मोर्चा.

कल किसानों के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली, जिसके बाद किसान कह रहे हैं कि अब तो वह बिना अपनी मांगें पूरी किए वापस नहीं जाएंगे। दूसरी तरफ बुधवार की सुनवाई के बाद आज फिर किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है|

 

 

 

इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दें