भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसान 70 साल से घाटे की खेती कर रहा है। किसान को एक फसल की कुर्बानी देनी पड़ेगी और इसके लिए किसान तैयार हैं।
नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किए जा रहे किसानों की तरफ से किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि इस आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा. हरियाणा के खरक पूर्णिया में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान 70 साल से घाटे की खेती कर रहा है. किसान को एक फसल की कुर्बानी देनी पड़ेगी और इसके लिए किसान तैयार है.
किसान आंदोलन के लगभग तीन महीने पूरे होने वाले हैं और यह पूछा जा रहा है कि यह आंदोलन कब तक चलेगा, इसके जवाब में टिकैत ने पहले इस साल अक्टूबर तक आंदोलन चलने की बात कही और फिर 2024 की बात करने लगे।
टिकैत ने अपने आंदोलन को किसानों के अलावा भी दूसरे लोगों के बीच विस्तार देने की मंशा से कहा कि मुर्गी, बकरी पालने वाला और अंडे का व्यापार करने वाला भी किसान है और ये लड़ाई उनकी और मजदूरों की भी है।