मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव 2022 में भले ही अभी तीन महीने से ज्यादा समय बाकी हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से ही सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। बीजेपी, कॉंग्रेस, शिवसेना सहित सभी दलों ने राजनीतिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में चांदीवली विधानसभा के ब्लॉक क्रमांक164 के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर कॉंग्रेस के बहुत ही पुराने कार्यकर्ता अभिमन्यु बेहरा को नियुक्त किया गया है। मुंबई कॉंग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप की सहमति से मुंबई उत्तर-मध्य जिला कॉंग्रेस कमिटी के जिला अध्यक्ष जगदीश अमिन द्वारा उनको औपचारिक नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके पश्चात अभिमन्यू बेहरा का चांदीवली विधानसभा में कई जगहों पर उनका स्वागत और सम्मान किया गया। वार्ड क्र.164 के रहिवासियों ने भी उनका जगह-जगह पर सम्मान किया।
पिछले दो दशकों से कॉंग्रेस से जुड़े अभिमन्यू बेहरा ने एक स्वागत समारोह के दौरान अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए कहा, “मैंने खुद को हमेशा से एक कार्यकर्ता के रूप में देखा है और आगे भी स्वयं को एक कार्यकर्ता ही मानूँगा। भूतपूर्व आमदार व कैबिनेट मंत्री मो.आरिफ़ नसीम खान को मैं अपना नेता व आदर्श मानता हूँ व उनके मार्गदर्शन में मैं पूरी ईमानदारी से पार्टी के लिए कार्य करूँगा। उन्होंने मुझ पर विश्वास दिखाकर जो मुझे जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर खरा उतरने की मेरी पूरी कोशिश होगी। पार्टी के अन्य सभी कार्यकर्ता, मेरे सभी मित्रों व साथियों का जो सहयोग मुझे मिला है, उनके प्रति मैं हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।”
कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर चांदीवाली विधानसभा के रहिवासियों ने जगह-जगह पर अभिमन्यू बेहरा को बधाई दी। वार्ड क्रमांक 164 के अजय रजक, कटके, मुकुंद लाल, संतोष विश्वकर्मा, माधव पाल, संदीप विश्वकर्मा, बाबूलाल प्रजापति, दिलीप विश्वकर्मा और इंद्रकुमार विश्वकर्मा ने भी शॉल, श्रीफल और पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत और सम्मान किया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार कॉंग्रेस अकेले बीएमसी चुनाव में उतरने की तैयारी में है और बीएमसी चुनाव में सभी 227 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। बता दें कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद ऐसा सियासी घटनाक्रम हुआ कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच 25 साल की दोस्ती राजनीतिक दुश्मनी में तब्दील हो गई। शिवसेना ने बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए का नाता तोड़कर अपने वैचारिक विरोधी एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया। उद्धव ठाकरे सूबे के सीएम बने और कांग्रेस और एनसीपी को सत्ता में भागीदारी मिली।