आनंदप्रकाश शर्मा | NavprabhatTimes
गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच अनबन की खबरों के बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने नितिन पटेल को अपने साथ आने का न्योता दिया है। हार्दिक ने कहा है कि अगर बीजेपी में नितिन पटेल का सम्मान नहीं हो रहा है, तो वह कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। हार्दिक ने कहा कि वह डिप्टी सीएम नितिन पटेल से मिलने जाएंगे, हार्दिक ने कहा कि मैंने नितिनजी को मैसेज किया था, अगर वह कहते हैं कि उन्हें बीजेपी छोड़नी है, तो मैं उनके साथ रहूंगा।
वहीं बीजेपी ने अपने सभी नेताओं को नितिन पटेल के विषय में कोई बयान देने से मना किया। बताया जा रहा है कि पटेल को मनाने के लिए सोमवार को बीजेपी मुख्यालय में एक बैठक होगी, जिसमें सीएम विजय रूपाणी, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वघानी और पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल मौजद रहेंगी।
पाटीदार नेता ने कहा है कि वह नितिन पटेल के लिए कांग्रेस पार्टी से बात करेंगे, ताकि उन्हें सही जगह मिले और उनके साख पर कोई सवाल ना उठे। हार्दिक ने कहा कि अगर नितिन भाई 10 विधायकों के संग बीजेपी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं, तो हम कांग्रेस में उन्हें उपयुक्त पद देने की बात करेंगे। हार्दिक ने यह बातें बोटाड में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की बैठक से पहले कहीं।
गुजरात में सरकार बनने के महज तीन दिन बाद ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के बीच अनबन की खबर आने लगी, साथ ही वहां के विधायक भी अपनी नाराजगी जताने लगे हैं। लगातार छठीं बार गुजरात में सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी की इस सरकार में शीर्ष दो नेताओं के बीच अनबन का सबसे अहम कारण विभागों के बंटवारे को लेकर माना जा रहा है। वहीं नितिन पटेल की नाराजगी पर सीएम विजय रूपाणी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। अहमदाबाद नगर निगम द्वारा आयोजित फूलों की प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान जब उनसे विभागों के बंटवारों को लेकर नितिन पटेल की नाराजगी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जबाव नहीं दिया और मुस्कुराते हुए बोले कि उनसे फिलहाल फूलों की प्रदर्शनी से जुड़ा सवाल पूछा जाना चाहिए। रूपाणी की अगुआई में सरकार के शपथ लेने के बाद से तनातनी की खबरें आ रही थीं।
मुख्यमंत्री रूपाणी, उपमुख्यमंत्री पटेल और भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी विवाद को निपटाने के लिहाज से मुख्यमंत्री आवास पर बृहस्पतिवार को मिले, इस कारण पहली कैबिनेट बैठक में नए नवेले मंत्रियों को करीब 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उपमुख्यमंत्री पटेल विभागों के वितरण से खुश नहीं हैं, वह गृह और शहरी विकास मंत्रालय चाहते थे, जो उन्हें नहीं मिला। साथ ही उनको दो अहम विभाग राजस्व और वित्त विभाग भी नहीं दिए गए। विभागों के वितरण के मामले में माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा घाटा पटेल को ही हुआ है। पटेल को सड़क एवं भवन, हेल्थ एवं फैमिली, नर्मदा, कल्पसार, चिकित्सा और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है।
सूत्र बताते हैं कि सरकार में अनबन की एक और खबर है वडोदरा से विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने भी विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने वडोदरा से एक भी विधायक को कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने 10 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी भी दी है ।