कानपुर: कहने को तो सूबे की योगी सरकार ने फाइलों में प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया, लेकिन प्रदेश की कई ऐसी सड़के हैं, जो गड्ढा मुक्त के नाम पर सिर्फ एक दिखावा है। इन सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से कई बार तो हादसे हो चुकेहैं, लेकिन शायद अभी भी सम्बन्धित अधिकारी और नेतागण एक बड़ा हादसा होने का इंतजार कर रहे हैं। कानपुर जिले बर्रा थाना अंतर्गत जरौली और फत्तेपुर गाँव के बीच बने पांडव नदी के पुल के पास एक कार अनियंत्रित होकर नीचे खाई में जा गिरी, लेकिन चालक की समझदारी से एक बडा हादसा होने से बाल-बाल बचा। हादसे के दूसरे दिन क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त स्कार्पियो को बाहर निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक 26 दिसम्बर को प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी प्रचार प्रसार अभियान के जिला सह संयोजक ब्रजेन्द्र सिंह भदौरिया शाम करीब 8 बजे एक निजी कार्य से बर्रा थाने क्षेत्र के जरौली से होकर फत्तेपुर की तरफ जा
रहे थे। तभी वहीं बने पांडव नदी के पुल के पहले गाड़ी अनियंत्रित होकर नीचे खाई में जा गिरी। जानकारी के अनुसार गाड़ी भाजपा नेता ब्रजेन्द्र सिंह ही चला रहे थे। दुर्घटना के बाद ब्रजेन्द्र सिंह ने जैसे-तैसे खुद को गाड़ी से बाहर निकाला। सड़क के क्षतिग्रस्त होने के चलते एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बचा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर सड़क टूटी होने के कारण अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती, तो उसका जिम्मेदार कौन होता? कई वर्षों से सड़क टूटी होने की सूचना स्थानीय लोगों द्वारा संबंधित अधिकारी और नेताओं को दी गई, लेकिन सड़क सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसका परिणाम एक बड़े हादसे के रूप में देखने को मिला है।