मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखमत्र सामना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि कानपुर एनकाउंटर जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे, इस घटना ने मुठभेड़ विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश सरकार को बेनकाब कर दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में गुंडागर्दी को खत्म करने के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश को अक्सर ‘उत्तम प्रदेश’ कहा जाता है, ‘ उत्तम प्रदेश’ अब पुलिसकर्मियों के खून से लथपथ है, जो देश के लिए एक झटका है। बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे के गुर्गों द्वारा कानपुर के पास एक गांव में पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिस कर्मियों की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी।
‘नेपाल का दाउद’ साबित ना हो जाए विकास दुबे
इस मामले में विकास दुबे के नेपाल फरार होने की आशंका के पश्चात उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वहां की सीमाओं को सील करने की खबर है। हालांकि, भारत-नेपाल सीमा ऐसे मामलों में हमेशा चिंता का विषय रही है। फिलहाल नेपाल के साथ हमारे संबंध भी अच्छे नहीं हैं। इस परिप्रेक्ष्य में कल विकास दुबे भारत के लिए ‘नेपाल का दाऊद’ साबित न हो जाए !
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मुखपत्र सामना ने इस घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों को लेकर भी चिंता जाहिर की है। शिवसेना ने कहा- कानपुर शूटआउट की घटना के अगले दिन ही हत्याकांड से नाराज होकर विकास दुबे के आलीशान घर को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। जिसे लेकर यह कहा गया कि विकास दुबे का घर ‘अवैध’ था। इसलिए इसे ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन ‘शहीद’ पुलिसकर्मियों के ध्वस्त हो चुके घरों का क्या? उनकी पत्नियों के ‘सौभाग्य’, माता-पिता, बच्चों का क्या? इस घटना के बाद सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के मन यह सवाल खड़े कर दिए हैं।’