कृष्णप्रसाद विश्वकर्मा । NavprabhatTimes.com
जब मैं ट्रैफिक में दोपहिया वाहन चला रहा होता हूँ और थोड़ी ज्यादा भीड़ रहती है तो स्पीड कम रखनी पड़ती है और तभी…..
पीछे से एक तेजतर्रार हॉर्न सुनाई देता है….
बार बार….
लगातार….
अरे नहीं साहब….ये हॉर्न किसी एम्बुलेंस का नहीं है….
वो तो पीछे गर्दन घुमाई तो….
एक दिव्य तेज प्रकाश में समाई छवि के दर्शन होते हैं….
16-17 साल का लड़का….आँखों पर चोर बाज़ार में 20 रु में मिलने वाले बेहूदा चश्मा लगाए….कानों में काले रंग की बालियाँ….हाथों में ब्रेसलेट पहने….
बिना हेलमेट
जिसकी शक्ल देखकर….चमगादड़ और मनुष्य में फर्क करना मुश्किल हो जाता है…
वो पल्सर या उसी किस्म की हाई पावर नये मॉडल की बाइक पर बैठकर हॉर्न पर हाॅर्न बजा रहा होता है…
उसे आगे जाना है…
बहुत आगे…
मुझसे पहले….हम सब से पहले….!!
भले ही जगह ना हो….सड़क पर भीड़ हो….या सामने से बच्चे ही आ रहे हों लेकिन….उस अक्ल के दुश्मन को तेज गति से आगे जाना है क्योंकि…..
अगले मोड़ में डोनाल्ड ट्रम्प या मोदी उसके साथ चाय पीने के लिए इन्तज़ार कर रहे होते हैं….
मुझे ऐसे लोगों पर बहुत गुस्सा आता है मगर फ़िर भी….
मै मुस्कान देकर उन्हें आगे जाने का रास्ता दे देता हूँ….
पुलिस वाले भी उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने हेतु इन्हें सल्यूट कर आगे जाने का मार्ग प्रसस्त कर देते हैं !
दरअसल ये लोग बुरे नहीं हैं ।।
ये तो भगवान के भेजे हुए वो शांतिदूत होते हैं….जो खुद का एक्सीडेंट करवा के हमें समझा जाते हैं….कि बाइक धीरे चलायें….
हेलमेट का प्रयोग सदैव करें…
ट्रैफिक नियमो का पालन करें…
ये लोग….सामने खड़ी मौत को गले लगाकर….हमारी जान बचा जाते हैं….
सही तरीके से वाहन चलाना सिखा जाते है…
ये लोग एक्सीडेंट में खुद के प्राण त्याग कर….समाज को शिक्षा दे जाते हैं कि….हेलमेट पहनना क्यों जरुरी है….और सन्तुलित वेग में वाहन चलाना क्यों आवश्यक है….
अत: ऐसा कोई भी शांतिदूत मिले तो….उसे नफ़रत से नहीं….बल्कि स्नेह की दृष्टि से देखें….
बगल से गुजरते हुए गुटखे की पीक आप पर उछाल दे, तो शांतिदूत का प्रसाद समझकर ग्रहण कर लें।
एक बार एम्बुलेंस को रास्ता न दें,
पर इन्हें आगे जाने से न रोकें !