‘रेस-3’ की वजह से सलमान को लगा जबरदस्त झटका, अपने साथ-साथ इनको भी ले डूबे

रेस-3

‘रेस-3’ की पहले वीकेंड में कमाई 100 करोड़ से ऊपर और दूसरे वीकेंड में 20 करोड़ भी नहीं। इन आंकड़ों से सलमान खान को जबर्दस्त झटका लगा है। भले ही सलमान की कंपनी के विज्ञापन अपनी फिल्म के दुनिया भर के कलेक्शन को 200 करोड़ के पार बता रहे हैं लेकिन अंदर के सूत्रों की मानें तो ‘रेस-3’ को मिली समीक्षाओं और फैन्स की प्रतिक्रियाओं ने सलमान को हिला दिया है।

बॉक्स ऑफिस से ईद का खुमार उतर चुका है और ट्रेड के जानकारों की मानें तो दूसरे वीकेंड के कलेक्शन देख कर साफ है कि फिल्म लंबी नहीं चलेगी। इसके वितरकों को भी घाटा होगा। आंकड़े बता रहे हैं कि ‘रेस-3’ सलमान के हालिया करियर की सबसे कमजोर बॉक्स ऑफिस फिल्म साबित हो सकती है।

वैसे तो ‘रेस-3’ ने निर्माता रमेश तौरानी और सलमान की जेबें भर दी हैं क्योंकि इसके डिजिटल अधिकार फिल्म की लागत के बराबर (120 से 130 करोड़ रुपये) बिकने की खबरें हैं तथा अबु धाबी में शूटिंग के कारण वहां 40 करोड़ रुपये की छूट मिली है। इसके साथ मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली-यूपी के वितरण अधिकार सलमान ने खुद रखे। परंतु बाकी जगहों के वितरण अधिकार उन्होंने बेचे थे।

फिल्म ट्रेड की खबरों के अनुसार बिहार के अतिरिक्त जिन-जिन वितरकों ने ‘रेस-3’ के अधिकार खरीदे उन्हें घाटे की आशंका है। मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली-यूपी-पंजाब के बाहर (गुजरात, राजस्थान, बिहार, सेंट्रल इंडिया, पश्चिम बंगाल, आंध्र-निजाम, तमिलनाडु, केरल, मैसूर) वितरण अधिकार 63 करोड़ में बेचे गए थे और इन जगहों पर पहले हफ्ते में केवल 39 करोड़ वापस आए हैं।

रेस-3

फिल्म की लगातार लचर होती स्थिति से अनुमान है कि यह आंकड़ा अंत में 45 करोड़ तक ही पहुंचेगा। ऐसे में वितरकों को 18 करोड़ का नुकसान हो सकता है। गुजरात, राजस्थान और मैसूर में सबसे ज्यादा घाटे की आशंका है। अब लोगों की नजर इस पर है कि क्या सलमान खान वितरकों के घाटे की भरपाई करेंगे क्योंकि ‘ट्यूबलाइट‘ में उन्होंने घाटा सहने वाले वितरकों को 35 करोड़ रुपये लौटाए थे।

ट्रेड के जानकारों के अनुसार फिल्म की बेहद खराब रिपोर्ट के बावजूद सलमान के फैन्स ने मुंबई-महाराष्ट्र और दिल्ली-यूपी-पंजाब, बिहार में ‘रेस-3’ को डूबने बचाया। पहले हफ्ते के करीब 140 करोड़ रुपये के बिजनेस में दिल्ली-यूपी-पंजाब ने 43 करोड़ 50 लाख, मुंबई-महाराष्ट्र ने 39 करोड़ 50 लाख और बिहार ने छह करोड़ 35 लाख रुपये का सबसे महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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