महाराष्ट्र में बदली सियासत, राज्यपाल ने कल सुबह 8 बजे बुलाया विधानसभा सत्र

मुंबई: महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार चार दिन बाद ही गिर गई. मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, आज शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के नेता राज्यपाल से मिलने जा रहे है. तीनों दल के नेता कल ही शपथ ग्रहण का दावा पेश करेंगे. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के बालासाहेब थोरात डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं. वहीं, एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड भी डिप्टी सीएम की रेस में हैं. वहीं, बीजेपी विधायक कालिदास कोलंबर प्रोटेम स्पीकर होंगे.

महाराष्ट्र में सियासी दांव पलट गया है. राज्यपाल ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग करके कल सुबह 8 बजे विधानसभा सत्र बुलाया है. कल महाराष्ट्र में विधानसभा का विशेष सत्र चलेगा.

गृहमंत्री के इशारे पर चल रहे थे गवर्नर – कपिल सिब्बल-

कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्यपाल ने सुबह 8 बजे से पहले कैसे शपथ दिला दिया था. राज्यपाल को देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने से पहले सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि राज्यपाल गृहमंत्री के इशारे पर चल रहे थे. सुबह 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन हटा दिया क्योंकि सुबह 10 बजे कोई और दावेदार पेश कर देता. राज्यपाल को ऐसा करने से पहले विचार करना चाहिए था.

सिब्बल ने कहा कि कर्नाटक में भी बीजेपी ने यही किया था. बीजेपी को देश और संविधान की कोई चिंता नहीं है. वो बस तोड़-फोड़ कर सरकार बनाने में यकीन रखते हैं. अब देखते हैं ‘चाणक्य’ जी क्या करते हैं!

बालासाहेब थोराट हो सकते हैं डिप्टी सीएम-

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट डिप्टी सीएम हो सकते हैं. वहीं, एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड भी डिप्टी सीएम की रेस में हैं. बताया जा रहा है कि तीनों दलों के दो-दो नेता शपथ लेंगे. आज शाम कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के नेता राज्यपाल से मुलाकात करनेवाले हैं।

सीएम फडणवीस ने दिया इस्तीफा-

देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है. इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बहुमत ना होने की बात कही थी.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नई सरकार अच्छा काम करेगी. हम विपक्ष के रूप में अपना काम करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना नेता लाचारी में सोनिया गांधी के सामने नतमस्तक हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन पहियों वाली सरकार चलना काफी मुश्किल है. देवेंद्र फडणवीस बोले कि शिवसेना उन वादों को लेकर अड़ गई थी, जिन्हें हमने कभी किया नहीं था.

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