29 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा जिसके बहिष्कार के लिए विपक्ष की 16 पार्टियों ने अपनी मंशा जाहिर की है।
राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा. विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, ”किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है.”
उन्होंने आगे कहा”सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.”
इस क्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा, ‘हम 16 राजनीतिक पार्टियों से बयान जारी कर रहे हैं कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।’ बता दें कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है।
आजाद ने कहा कि हम 16 दलों की ओर से बयान जारी करने जा रहे हैं कि कल होने वाले राष्ट्रपति के भाषण का हम बहिष्कार करेंगे, इसका मुख्य वजह कृषि कानूनों को बगैर विपक्ष का मत लिए पारित किया जाना है।