भारत और अमेरिका ने जलवायु वित्त पोषण, हरित हाइड्रोजन एवं लचीले आधारभूत ढांचे के माध्यम से स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा के वर्ष 2030 के एजेंडे पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जलवायु मुद्दे पर विशेष दूत जान केरी इस सप्ताह सोमवार को भारत आए।
कैरी ने कहा कि 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी की भारत की 450 गीगावाट की योजना के क्रियान्वयन के साथ वो उन कुछ देशों में से एक होगा जो वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने में मदद करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के लिए ‘नेट-जीरो’टारगेट का ऐलान करना व्यावहारिक होगा, कैरी ने कहा, ”हां, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेरी बैठक में मेरा यह मेरा संदेश नहीं था. वह चुनौती को समझते हैं.”