अमेरिकी नेवी ने परमिशन के बिना लक्षद्वीप के पास भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में अभ्यास किया है। उसका दावा है कि इस एक्सरसाइज के लिए भारत की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। अमेरिकी नौसेना का कहना है वह फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशंस करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
यह कार्रवाई सात अप्रैल को की गई और ख़ास बात यह है कि ऐसा भारत से अनुमति माँगे बिना किया गया.इस घटना की पुष्टि अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने ख़ुद की है. उसका कहना है कि उसे इसका अधिकार भी है और स्वतंत्रता भी.
सातवाँ बेड़ा अमेरिकी नौसेना का सबसे बड़ा अग्रिम तैनाती वाला बेड़ा है और इसकी ज़िम्मेदारी के क्षेत्र में पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर शामिल हैं.कहा गया कि “भारत को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र या महाद्वीपीय इलाक़े में सैन्य अभ्यास या युद्धाभ्यास के लिए पूर्व सहमति की आवश्यकता है, यह दावा अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत असंगत है.”
भारत और अमेरिका की नौसेनाएं एक साथ अभ्यास भी करती रही हैं। इस साल फरवरी में क्वाड ग्रुप में शामिल देशों की मीटिंग में भारत और अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक रीजन में आपसी सहयोग बढ़ाने की बात भी कही थी।