इजरायल में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल तेज है। स्पष्ट जनादेश की आस में मंगलवार को मतदान होगा। दो साल में चौथी बार हो रहे इस चुनाव में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भविष्य दांव पर है। माना जा रहा है कि इस बार भी सरकार बनाने के लिए उनकी निर्भरता छोटे राजनीतिक दलों पर ही बनी रहेगी।
इस्राइल में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते मंदी, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर जनता में भारी रोष है। इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के 39वें हफ्तें में शनिवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और नेतन्याहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस्राइल में दो साल से भी कम समय में चौथी बार 23 मार्च को चुनाव होने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिल नेतन्याहू का भविष्य दांव पर है। इस बार होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की किस्मत छोटे दलों के हाथों में टिकी हुई है, ऐसे में नेतन्याहू के लिए सत्ता पर फिर से काबिज होना आसान नहीं होगा। इस चुनाव को प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर एक जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है।