श्री नरसी मोनजी अंतरशालेय हिंदी वक्तृत्व स्पर्धा जमनाबाई नरसी स्कूल जुहू में सम्पन्न

मुंबई: नरसी मोनजी एज्यूकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित जमनाबाई नरसी विद्यालय ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 10 और 11 सितंबर को हिंदी दिवस का आयोजन किया। विद्यालय के फाउंडर ट्रस्टी स्व.चतुर्भुज भाई नरसी अपने पिता श्री नरसी मोनजी की जन्म शताब्दी के अवसर पर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस वर्ष प्रतियोगिता ने सफलतापूर्वक अपने 31 वर्ष पूरे किए हैं। 1987 से आज तक यह प्रतियोगिता बदस्तूर चली आ रही है। जिसके आयोजन में मैनेजिंग ट्रस्टी जयराज ठक्कर अपना भरपूर सहयोग देते रहे हैं। यह प्रतियोगिता भाषा के प्रति प्रेम का स्वाभाविक प्रतीक है।

जमनाबाई नरसी

इस वर्ष 10 सितंबर को प्रतियोगिता ने अपना प्रथम चरण पूरा किया, जिसमें कुल 52 आई.सी.एस.ई. विद्यालयों के लगभग 225 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। कनिष्ठ वर्ग का विषय था ‘जीवन के रंग हास्य के संग’ विषय पर आधारित कविता पाठ। वरिष्ठ वर्ग ने ‘मैं शक्ति हूँ: सन 1857 से 1947 के स्वतंत्रतासेनानियों के जीवन पर आधारित’ विषय पर प्रतियोगिता में भाग लिया। कक्षा 11 और 12 के बच्चों ने दिए गए विषय पर निबंध लेखन किया। इस प्रतियोगिता का खास आकर्षण रहा कि मुंबई के साथ-साथ पुणे और मध्य प्रदेश के विद्यालयों ने हिस्सा लेकर प्रतियोगिता की शोभा बढ़ाई। प्रथम दिवस पर निर्णायक के रूप में लेखिका पूजाश्री, युवा शिक्षक और नवप्रभात टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ आनंदप्रकाश शर्मा, लेखक राकेश सिन्हा, निर्देशक इंद्रसेन सिंह, कॉस्टिंग डायरेक्टर अमरीश शर्मा व रोहित दांडेकर, भाषा प्रेमी रुक्मणी तिवारी, विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम की संचालक व आर.जे. मंजरी वर्मा ने इस पद की शोभा बढ़ाई। प्रतियोगिता के द्वितीय चरण में प्रसिद्ध कवि और लेखक हृदयेश मंयक और रेडियो जॉकी मनोज मिश्रा ‘राही’ ने निर्णायक का पद भार संभाला।जमनाबाई नरसीकनिष्ठ वर्ग में छात्राओं के दौर में विजेता ट्रॉफी की हकदार बने चिल्ड्रेन एकेडमी स्कूल अशोक नगर और चल विजय चिन्ह की हकदार बनी मेजवान पाठशाला जमनाबाई नरसी स्कूल। छात्रों के दौर में विजेता ट्रॉफी मार्बल आर्च स्कूल को मिली, तो चल विजय चिन्ह को घर ले गई मध्य प्रदेश से आई पाठशाला क्राइस्टकुला मिशन स्कूल। विभागाध्यक्ष पदमा दुबे और उनके विभाग की सभी सहयोगी शिक्षिकाओं ने अपने अथक प्रयास से इस कार्यक्रम को सम्पन्न किया। इस तरह हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं को नवपीढ़ी तक संचरित करने के सफल प्रयास में जमनाबाई नरसी पाठशाला अग्रणी रही है।जमनाबाई नरसी

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