कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के बावजूद 2021-22 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर 7.5 से 12.5 फीसदी रह सकती है. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि नए वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.5 से 12.5 फीसदी रह सकती है.
विश्वबैंक की साउथ एशिया वैक्सीनेट्स रिपोर्ट के अनुसार, ‘2021-22 में भारत की विकास दर 7.5% से 11.5% के बीच रहने की उम्मीद है। यह विकास दर इस बात पर भी निर्भर करेगा कि वैक्सीनेसन कैसा हो रहा है, साथ ही बाजार पर कोई प्रतिबंध है या नहीं। बाजार जितना ज्यादा खुला रहेगा अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से रिकवर करेगी।’
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ‘टूरिज्म, ट्रेड, कंस्ट्रक्शन पर बुरा लाॅकडाउन का सबसे प्रभाव पड़ा था। वहीं कृषि क्षेत्र इससे मुक्त रहा।’ कोरोना से रोकथाम के लिए भारत सरकार ने अप्रेल 2020 से जून 2020 तक लाॅकडाउन लगा दिया था। जिससे वित्तीय ब्यापार और उद्योग पूरी तरह से ठप्प पड़ गए थे।
वर्ल्ड बैंक के एक बड़े अधिकारी ने यह अनुमान जाहिर किया. हालांकि उन्होंने कोई एक आंकड़ा देने से मना कर दिया है. 7.5 फीसदी से लेकर 12.5 फीसदी की रेंज इसलिए दी गई है ताकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज या कम होने से आर्थिक विकास दर पर पड़ने वाले असर को इसमें एडजस्ट किया जा सके.