कोरोना नाम की महामारी के वायरस छोटे कण के रूप में स्थिर हवा में घंटों तक रह सकते हैं और उस हवा में सांस लेने वाले लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित बहुत से दावे में यह कहा गया है.
कोरोनावायरस के हवा से फैलने का सबसे अधिक जोखिम भीड़भाड़ वाली बंद जगह में हो सकता है जहां वेंटीलेशन की कमी हो.डॉ शेखर मांडे ने कहा, ‘हम लोग यह खोजना चाहते हैं कि वाकई में कोरोना वायरस क्या हवा से फैलता सकता है या नहीं. जो व्यक्ति कोरोना ग्रस्त हो और वो आदमी जब बात करता है या छिंक्ता है तो मुंह से जो ड्रॉपलेट निकलती है उसमें हो सकता है कि कोरोनावायरस उस ड्रॉपलेट में हो. ‘
उन्होंने आगे ये भी कहा की, “आज तक डब्ल्यूएचओ का मानना यह था यह जो ड्रॉपलेट बड़ी बड़ी होती है वह सरफेस पर जाकर सेटल हो जाती हैं इसलिए को हवा से इतनी जल्दी फैल नहीं सकता. लेकिन अब यह भी पाया जा रहा है दुनिया में छोटे-छोटे ड्रॉपलेट्स में भी कोरोनावायरस हो सकता है और यह छोटे ड्रॉपलेट हवा में ज्यादा देर तक रह सकते हैं.”