उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले सपा कुनबे की कलह ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल पैदा कर दिया है। अपने कई करीबियों के टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की एक नई लिस्ट जारी कर दी है, जिनमें मंत्री अरविंद सिंह गोप, पवन पांडे, राम गोविंद चौधरी का नाम हैं. ये उन लोगों के नाम हैं जिनके टिकट मुलायम सिंह यादव ने काट दिए थे हालांकि अखिलेश यादव की ओर से अभी इस लिस्ट की पुष्टि नहीं की गई है और न ही इस पर उनके दस्तखत हैं. इसके तुरंत बाद मुलायम ने 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में भी अखिलेश के कुछ समर्थकों का टिकट काट दिया गया है.
कल देर रात पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे और फिर 68 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई. 325 उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी. यानी पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर 403 में से 393 उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर बगावती तेवर दिखा रहे हैं. समाजवादी पार्टी की 325 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में अखिलेश की तरफ से दिए गए 107 उम्मीदवारों का नाम नहीं था. इस बात को लेकर अखिलेश समर्थकों में गुस्सा है. अपने करीबियों का टिकट कटने से नाराज अखिलेश भी कल मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे और टिकट काटे जाने की वजह पूछी.
शिवपाल की लिस्ट के समर्थन में मुलायम ने दिया सर्वे का हवाला
सूत्रों के मुताबिक पिता से बात करते समय अखिलेश यादव के तेवर काफी तल्ख थे, वहीं मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव के सर्वे का हवाला देकर कहा कि जिन नेताओं का टिकट काटा गया है, उनकी जीत की संभावना ना के बराबर है. दूसरी तरफ अखिलेश यादव, चाचा शिवपाल यादव को बुलाने की जिद पर अड़े रहे जिसके बाद मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को अपने घर पर बुलाया. शिवपाल की मौजूदगी में नेताजी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि टिकटों का फैसला हो चुका है और अब उसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
अखिलेश ने दिया साथ देने का भरोसा
इससे पहले गुरुवार को अखिलेश यादव के समर्थक पूरे दिन 325 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के मुलायम सिंह के फैसले के खिलाफ अखिलेश के बंगले के बाहर नारेबाज़ी करते रहे. अखिलेश अपने समर्थकों के टिकटों की पैरवी के लिए मुलायम से मिलने पहुंचे, जहां मुलायम अखिलेश और शिवपाल में घंटों मीटिंग चली, लेकिन बैठक बेनतीजा रही. बाद में अखिलेश ने अपने करीबी मंत्रियों, विधायकों के साथ मुलाक़ात कर उनका साथ देने का भरोसा दिया.
सभी से राय लेने के बाद टिकट बंटवारे का फैसला लिया गया : शिवपाल
टिकट बंटवारे को लेकर शिवपाल यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि टिकट बंटवारे में सभी की राय शामिल है. सभी से राय लेने के बाद फैसला किया गया. जीतने वाले प्रत्याशी की पहचान की गई. लिस्ट नेताजी ने रखी है तो उन्हें सुझाव दे सकते हैं.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की उपेक्षा नहीं की जा सकती : शिवपाल
शिवपाल ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव की उपेक्षा नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री नेताजी को अपनी राय दे सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को टिकट देने की कोशिश की गई. सीएम की राय पर विचार और लिस्ट बदलना मुश्किल है. साफ सुथरी छवि और जीतने वालों को प्राथमिकता दी गई है. जल्द ही बाकी उम्मीदवारों की लिस्ट भी सामने आएगी.
किसकी लिस्ट है आधिकारिक लिस्ट!
लेकिन सवाल है कि किसकी लिस्ट को माना जाएगा. आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने का जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष यानी शिवपाल यादव के पास है. पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह भी उसी लिस्ट पर मुहर लगा चुके हैं. ऐसे में अखिलेश अपनी लिस्ट जारी कर क्या जताना चाहते हैं. क्या वो अलग रास्ता चुनेंगे यानी की नई पार्टी बनाएंगे, हालांकि पहले वो इस संभावना से इंकार कर चुके है. खबर ये भी है कि अखिलेश समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन बुला सकते हैं. जाहिर है इसका मकसद खुद को सही बताना और मुलायम और शिवपाल पर दबाव बनाना होगा. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या परिवार का ये झगड़ा भी कहीं चुनावी रणनीति का हिस्सा तो नहीं?
पार्टी में चल रहे इस घमासान पर आजम खान ने अफसोस जताया है. सवाल ये है कि चुनाव के पहले परिवार की ये लड़ाई कहां तक जाएगी. क्या उनकी बात नहीं माने जाने पर अखिलेश कोई अलग रास्ता चुनेंगे. यूपी की 403 विधानसभा सीटों के लिए समाजवादी पार्टी में दंगल जारी है.