नई दिल्ली: रक्षा क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करते हुए भारतीय सेना ने मंगलवार को पूर्वी सेक्टर में जमीन पर वार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल के एडवांस वर्जन का सफल परीक्षण किया। इस तरह भारत ने इस पराक्रमी हथियार की हमलावर क्षमता को फिर से साबित किया है।
जमीन पर वार करने वाले ब्रह्मोस ब्लॉक-3 का परीक्षण इसके पूर्ण रेंज के तहत एक मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर से किया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में परीक्षण के दौरान इस हथियार ने असाधारण हमलावर क्षमता का प्रदर्शन किया और लक्ष्य पर बिल्कुल सटीक निशाना लगाया।
आज का परीक्षण ब्रह्मोस एलएसीएम ब्लॉक- 3 वर्जन का चौथा सफल परीक्षण था। इससे खासकर मिसाइल के सटीक निशाना लगाने की क्षमता का प्रदर्शन हुआ। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने जमीन पर स्थित लक्ष्य पर बिल्कुल सटीक निशाना लगाया।
ब्रह्मोस एलएसीएम ब्लॉक- 3 का निर्माण भारत और रूस की संयुक्त परियोजना के तहत किया गया है और यह रूस के पी-800 ओनिक मिसाइल पर आधारित है। इसमें एडवांस गाइडेंस और उन्नत सॉफ्टवेयर हैं और यह हाई अल्टीट्यूड से गहरा डाइव लगा सकता है। इसको भारत और रूस के संयुक्त वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने तैयार किया है।
गौरतलब है कि इसके पहले मार्च महीने में भारत ने पहली बार 450 किमी दूर तक मार करने में सक्षम नई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है था। इसकी मारक क्षमता को 290 किमी से बढ़ाकर 450 किमी किया गया। इसकी गति आवाज से भी तीन गुना ज्यादा है। ब्रह्मोस भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जा रही है। ब्रह्मोस सिरीज के मिसाइल को पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन, कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है।