विपक्षी दलों ने मांग की है कि पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनाव की वोटिंग हो जाने पर 8 मार्च के बाद पेश किया जाना चाहिए। इस सन्दर्भ में केंद्र सरकार का रुख जानने के बाद ही चुनाव आयोग आगे कोई फैसला लेगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 4 फरवरी से चुनाव शुरू हो रहे हैं और बजट भी 1 फरवरी को पेश होना है। चुनावी घोषणा होने के एक दिन बाद ही आम बजट को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग में अपना विरोध दर्ज कराया था। विपक्षी दलों का आरोप है कि इससे केंद्र की सरकार को फायदा हो सकता है। गुरुवार को कई विपक्षी दलों के नेता इस मामले की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचे थे।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की थी कि निष्पक्ष चुनाव के लिए बजट को 8 मार्च के बाद पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक कभी भी बजट पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी चिट्ठी लिखी गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2012 में यह मुद्दा उठाया था कि चुनावों के दौरान आम बजट पेश नहीं किया जाना चाहिए। हमारा कहना है कि यह सत्तापक्ष द्वारा एक तय प्रथा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले आम बजट पेश पेश नहीं किए जाने संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि समय आने पर इस मामले पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट पर रोक लगाने की मांग की थी।