दुनिया भर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस बीच विशेषज्ञों की चिंता ने एक बार फिर परेशानी का बल दिया है। विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस का दूसरा पीक जल्द ही देखने को मिल सकता है। हालांकि इस बार यह असर देश में नहीं, बल्कि महानगरों में दिखाई देगा। अब तक दुनिया के कई हिस्सों में इस बात के सबूत मिल चुके हैं कि वायु प्रदूषण के जरिए कोरोना वायरस का प्रसार होता है।
ग्रेटर नोएडा तीसरे और नोएडा पांचवें स्थान पर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से जारी बुलेटिन में शनिवार की शाम चार बजे तक ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 रहा, जबकि नोएडा का एक्यूआई 309 जारी किया गया।
प्रदूषण के मामले में नोएडा देश में पांचवें स्थान पर रहा है। हालांकि, शाम के समय यहां एक बार एक्यूआई 350 के पार चला गया था। सीपीसीबी की टॉप-5 सूची में पहले नंबर पर कुरुक्षेत्र रहा जहां का एक्यूआई 348 रहा। दूसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर एक्यूआई 341 और चौथे नंबर पर भिवाड़ी एक्यूआई 329 रहा।