मौत की झपकी लगी और ट्रेन की पटरी पर बिछ गईं 16 मजदूरों की लाशें..

न्यूज़ डेस्क: औरंगाबाद में शुक्रवार को एक मालगाड़ी ट्रेन ने पटरी पर सो रहे प्रवासी मजदूरों को रौंद डाला, जिसमें 16 श्रमिकों की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। घायल मजदूरों को औरंगाबाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज हो रहा है। मृतक मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं। 

दरअसल, औरंगाबाद से घर वापसी की ओर कदम बढ़ा रहे ये प्रवासी मजदूर 35 किलोमीटर पैदल चले थे, मगर रास्ते में चलते-चलते उन्हें थकावट महसूस हुई और पटरी पर ही झपकी लेने लगे। मगर उन्हें कहां पता था कि उनकी ये झपकी, मौत में बदल जाएगी। 35 किलोमीटर चलने के बाद ये सभी मजदूर पटरी पर ही आराम करने लगे। सुबह करीब सवा पांच बजे के वक्त ये सभी गहरी नींद में सो रहे थे। तभी ट्रेन आती है और इन्हें रौंद डालती है। सुबह के वक्त गहरी नींद में होने की वजह से किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला और घर वापस लौटने की उम्मीद उनकी वहीं टूट गई। 

इस मामले में रेलवे ने सफाई देते हुए कहा है कि शुक्रवार सुबह ट्रैक पर कुछ मजदूरों को देखने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन परभणी-मनमाड सेक्शन के बदनपुर और करमाड स्टेशनों के बीच उन्हें टक्कर लग गई। घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दिए गए हैं।

औरंगाबाद के एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया कि सुबह 5:15 बजे बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, एक मालगाड़ी गुजर रही थी उसके नीचे मजदूर आ गए। इसमें 16 मजदूरों की मौत हो गई। एक घायल है, 4 लोग जो दूर बैठे थे उनसे हम पूछताछ कर रहे हैं। जो आदमी बचा है उसने बताया है कि ये लोग जालना से निकले थे और भूसावल जाना चाहते थे, जहां से वो ट्रेन पकड़ना चाहते थे। ये पैदल जा रहे थे, पटरी पर वो आराम करने के लिए लेटे थे, उनको नींद आ गई और ये हादसा हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे की खबर से मैं दुखी हूं। मैंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की है और वे इस मामले पर बारीकी से नज़र रखे हुए हैं। सभी जरूरी मदद की जा रही है।

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में हुई रेल दुर्घटना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।

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