संतोष विश्वकर्मा । NavprabhatTimes.com
मुंबई के मुलुंड इलाके में सर्वे के दौरान एक गोदाम में सामने आया है। इस इंजेक्शन में Ethylene नाम का केमिकल भरा है, जो आम को जल्दी पकने में मदद करता है। आम को जल्दी पकाने के लिए उनमें इंजेक्शन लगाया जा रहा है।
इंजेक्शन लगाने के बाद फलों को ड्रम में डाला जाता है, जिसमें दूसरा केमिकल भरा हुआ होता है। इसके बाद सारे फलों को एक पेटी में रखकर पकने के लिए छोड़ दिया जाता है। इस केमिकल के ज़रिए आम 48 घंटे में ही पककर तैयार हो जाता है।
गौरतलब है कि केमिकल से पकाया गए ये आम इंसान के लिए ज़हर से कम नहीं हैं और अब केमिकल से पकाया गया आम बड़ी तादाद में बाज़ार में पहुंच चुका है; लेकिन आम के शौकीन लोगों को इसका पता नहीं हैं, उनके लिए आम का पीला होना ही काफी है। हालांकि, इसकी जानकारी दुकानदारों को भी है।
डॉक्टरों के मुताबिक केमिकल से पकाया आम खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। पर लोगों के स्वास्थ्य से बेपरवाह मुनाफाखोर इन्हीं आमों के व्यापार से लाभ कमाने में लगे हैं।