देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए केंद्र सरकार लाएगी 35 हजार करोड़ रुपये का पैकेज, इन क्षेत्रों पर होगा जोर

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पिछले कुछ महीनो में कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लाखों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इस वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है।

अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज से लेकर पीएम गरीब कल्याण पैकेज तक का ऐलान किया। लेकिन मोदी सरकार को विपक्ष ने निशाना पर लिया और सरकार के राहत पैकेज पर सवाल खड़े कर दिए।

केंद्र सरकार के 35 हजार करोड़ रुपये के इस पैकेज में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों बढ़ाने पर जोर होगा. इसके तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार पैदा करने के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जुड़ी योजनाएं लाने पर जोर होगा. सरकार चाहती है कि बड़े पैमाने रोजगार पैदा किया जाए ताकि अर्थव्यवस्था में मांग पैदा हो और इसकी रफ्तार तेज हो.

सरकार इस साल कम से कम 25 बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करना चाहती है, जिससे अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्टॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए के लिए भी राहत की घोषणा हो सकती है ताकि उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़े.सरकार मनरेगा के तर्ज पर शहरी और अर्धशहरी इलाके में रोजगार कार्यक्रम शुरू करेगी. यह योजना बड़े शहरों मे लागू होने से पहले टियर 3 और टियर 4 शहरों यानी छोटे शहरों में पहले लागू की जाएगी. इसके बाद उसे बड़े शहरों में लागू किया जाएगा.

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