Tag: Author Hubnath Pandey
विदूषक ( कविता ) – हूबनाथ पाण्डेय
उसने अभिनय किया भूख का
तमाशाइयों की ऐंठ गईं
अँतड़ियाँ भीतर तक
बच्चे बिलबिलाकर
मर गए
उसने अभिनय किया
शौर्य का
नौजवान लाशें
ताबूतों में भर भर
रवाना हुईं
वह खेतों में गया
किसान...
ईद मुबारक (कविता ) – हूबनाथ पांडेय
क़ायनात की पहली ईदसाथ-साथ चलेरमज़ान और मुहर्रमएक तरफ़करोड़ों रोज़ेदारदूसरी तरफ़लाखों लड़ रहेदो घूंट पानी के लिएएक पूरी क़ौम हिजरत मेंज़िंदगी की तलाश मेंयज़ीद कौन...
अभी ज़िंदगी शुरू नहीं हुई (कविता) – हूबनाथ पांडेय
अभी अभीजंगलों से निकले हैंकाफ़िलेनंगे भूखे आदिमानवों केअभी अभीखोजी है आगभूनना भर सीखा हैपर अनाज नहीं हैफलों का मौसम दूर हैवनस्पतियां झुलस गई हैंआसमान...
गुड फ्राइडे (कविता) – हूबनाथ पांडेय
मन जब भी होता है संकट मेंसबसे पहलेतुम याद आते होयाद आता हैतुम्हारा साहसतुम्हारी ज़िदऔर सबसे ज़्यादातुम्हारी निर्भयतादुबले पतलेनिहायत मामूली जिस्म मेंआकाश जैसी आस्थाधरती...
फक्कड़ (कहानी ) – हुबनाथ पांडेय
अचानक बड़की बखरी में फक्कड़ का आदर भाव बढ़ गया। छुटकी नानी रात को गाढ़ी मलाईदार दूध का गिलास थमाते फक्कड़ से बोली कि...