Tag: Poet Hubnath Pandey
शुभ दीपावली ( कविता ) – हूबनाथ पाण्डेय
हूबनाथ पाण्डेय
अंधेरे ने ख़रीदे
बेशुमार दिये मिट्टी के
ख़रीदे तालाब तेल के
रूइयों के गट्ठर के गट्ठर
सजाए दिये की पाँत पर पाँत
बेतहाशा बरसती
रौशनी के ठीक...
कवि हूबनाथ पाण्डेय की पाँच कविताएं
1. दुख
दुख
बसंत सरीखे आते थे
पत्तों के बीच से
झाँकते थे बौर आम के
कहीं अमलतास
कानों में पीले झुमके झुलाता
सकुचाया अशोक
अपनी लाली छिपाता
धीरे धीरे
बसंत की तरह खिलता...
अभी ज़िंदगी शुरू नहीं हुई (कविता) – हूबनाथ पांडेय
अभी अभीजंगलों से निकले हैंकाफ़िलेनंगे भूखे आदिमानवों केअभी अभीखोजी है आगभूनना भर सीखा हैपर अनाज नहीं हैफलों का मौसम दूर हैवनस्पतियां झुलस गई हैंआसमान...
गुड फ्राइडे (कविता) – हूबनाथ पांडेय
मन जब भी होता है संकट मेंसबसे पहलेतुम याद आते होयाद आता हैतुम्हारा साहसतुम्हारी ज़िदऔर सबसे ज़्यादातुम्हारी निर्भयतादुबले पतलेनिहायत मामूली जिस्म मेंआकाश जैसी आस्थाधरती...
घर में ही रहें (कविता) – हूबनाथ पांडेय
जब हम कहते हैं
घर में ही रहें
तो मान कर चलते हैं
कि इस दुनिया में
सबके पास और कुछ हो न हो
घर ज़रूर होगा ही
उनके पास...