स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे नगर निगम के कर्मचारी

प्रद्युमन शर्मा | NavprabhatTimes.com

कानपुर: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत अभियान को जितना बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन उनके सरकारी कर्मचारी तो सफाई व्यवस्था की खुले आम धज्जिया उड़ाते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं स्वच्छ भारत अभियान के तहत क्षेत्रों में सफाई का सरेआम ढोंग रचा जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक कानपुर जिले के बर्रा थाना के अंतर्गत कर्रही रोड के निकट स्थित संघर्ष नगर में बाबा राम प्रताप पब्लिक स्कूल के पास एक ऐसा नजारा देखने को मिला है, जो शायद स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर एक शाप है ।

गौरतलब है कि बर्रा थाना क्षेत्र के कर्रही के वार्ड 70 में बाबा राम प्रताप स्कूल के निकट नाली के पानी का जमाव इस हद तक बाहर बहने लगा है कि लोगों का उस रास्ते से निकलना भी मुश्किल हो गया है और वहाँ के स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस मुश्किल की वजह से वहाँ के स्थानीय निवासी बीमारी फैलने की वजह से दहशत में हैं। वहां से गुजरनेवाले बच्चे अक्सर फिसलकर गिर जाते हैं, जिससे कई बच्चों को काफी चोट भी आई है।

इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ पर दो साल से नगर निगम का कोई भी सफाई कर्मचारी नहीं आया है । बल्कि क्षेत्रीय लोग जब पार्षद वासु गुप्ता के पास गए, तो उनका कहना है कि वहाँ के लोगों ने हमें वोट नहीं दिया है, इसलिए हम वहाँ विकास नहीं कराएंगे।

वहां लोगों के द्वारा नगर निगम में भी कई बार इस संदर्भ में शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है, लेकिन किसी भी प्रकार से कोई सुनवाई नहीं हुई ।

कोई कार्यवाही न होते देख वहां के कुछ प्रतिष्ठित व्यक्ति शिवलाल राजपूत, चन्द्रमोहन शर्मा, सचिन शर्मा, अरुण गुप्ता, अनुराग शर्मा, संदीप ठाकुर, रन्नो देवी और ज्ञानमती दुबे जो कि बाबा राम प्रताप स्कूल की प्रधनाचार्य हैं, इन सभी के द्वारा नगर निगम के फ़ोन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई तब भी नगर निगम का कोई भी कर्मचारी हरकत में नहीं आया। यहाँ बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं, बच्चों को इस पानी से गुजर कर जाना पड़ता है, जिससे कई बच्चे पानी में फिसलकर गिर जाते हैं और घर वापस लौटकर जाने के कारण उनकी पढ़ाई भी अधूरी रह जाती है।

यहाँ के लोगों ने शिकायत करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद न ही पार्षद वासु गुप्ता क्षेत्र का जायजा करने आते हैं और न ही विधायक महेश त्रिवेदी। एक बार क्षेत्रीय लोगों द्वारा विधायक महेश त्रिवेदी को भी यह मामला बताया गया, लेकिन सूबे के विधायक महेश त्रिवेदी ने कहा “डॉक्टर मरीज के पास नहीं जाता मरीज डॉक्टर के पास आते हैं।”

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