बीजेपी ने पचौरी पर लगाया दांव, इस बार कुछ ऐसी है चुनावी डगर

कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी
कानपुर: तमाम कयासबाजी के बाद कानपुर सीट पर भाजपा ने आखिरकार कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी के रूप में फिर से ब्राह्मण पर दांव खेला है। भाजपा ने पांचवीं बार इस सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा है।
 
इससे पहले तीन बार जगतवीर सिंह द्रोण और एक बार डॉ. मुरली मनोहर जोशी को पार्टी ब्राह्मण के रूप में उतार चुकी है। सत्यदेव पचौरी इस लोकसभा सीट पर दूसरी बार प्रत्याशी बनाए गए हैं। इससे पहले 2004 में उन्हें कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल के सामने उतारा गया था।
 
उस चुनाव में पचौरी कांग्रेस के श्रीप्रकाश से मात्र 5638 वोट से पराजित हुए थे। श्रीप्रकाश को कुल वोट का 34.12 प्रतिशत जबकि पचौरी को 33.21 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था। एक बार फिर से श्रीप्रकाश और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने हैं।
 
उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, इस बार भाजपा सत्ता में है। पहले की तरह इस बार भी शुरू से भाजपा किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को मैदान में उतारने को लेकर अपनी रणनीति बना रही थी।
बीच में जरूर कुछ समय के लिए कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का नाम चला, लेकिन सांसद जोशी का टिकट कटने के बाद यह तय हो गया था कि पार्टी इस बार भी किसी ब्राह्मण चेहरे को ही मैदान में उतारेगी।
 
यह भी बताया जा रहा है कि पचौरी का नाम पार्टी ने ऐन वक्त पर तय किया, इससे पहले संघ की तरफ से राष्ट्रीय इकाई को दावेदारों की जो सूची भेजी गई थी। उसमें पचौरी के परिवार से जुड़ी एक महिला का नाम भी शामिल था।
 
चर्चा यह भी है कि सत्यदेव पचौरी के नाम पर आखिरी वक्त पर सांसद जोशी ने भी मुहर लगाई। जिस समय पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल, सांसद जोशी से यह कहने आए कि संगठन उन्हें इस बार चुनाव नहीं लड़वाना चाहता है तो, उनसे यह भी पूछा गया कि यदि उनके पास कोई नाम हो तो बता सकते हैं।
 
बताया जा रहा है कि डॉ. जोशी ने पचौरी को टिकट देने की वकालत की थी। अब प्रत्याशी का चयन होने के बाद भाजपा अपनी चुनाव रणनीति को लेकर काम करेगी।

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