तीन साल से बिजली तो नहीं आई, पर आ गया बिल, न भरने पर एफआईआर की धमकी

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जौनपुर: बिजली महकमे के कारनामे कई बार बड़े-ही अचंभित करनेवाले होते हैं, ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जलालपुर ब्लॉक में सामने आया है, जिसने पूरे बिजली महकमे को सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया है। जी हां, यहां केराकत तहसील के औवार गांव में ग्रामीणों को बिजली विभाग ने बिजली के तार जोड़े बिना ही बिजली के बिल भेज दिए हैं, जिससे ग्रामीण परेशान हैं, क्योंकि अभी तक इस गांव बिजली के खम्बे के तार को मीटर से जोड़ा नहीं गया है और बिना बिजली दिए ही बिजली का बिल वसूलना महकमे ने शुरू कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जौनपुर के जलालपुर ब्लॉक केराकत तहसील अंतर्गत औवार गांव में तीन वर्ष पहले बिजली के नए कनेक्शन का काम शुरू हुआ था। नए खंभे गाड़े गए, उन पर ट्रांसफार्मर चढ़ाए गए, लोगों के घरों के बाहरी हिस्से में बिजली के मीटर तक लगा दिए गए, पर खंभे से बिजली का कनेक्शन आज तक नहीं हुआ है। इसी बीच चौकानेवाली यह बात सामने आई कि गांव के लोगों को बिजली महकमे ने पिछले तीन सालों का बिल जोड़कर भेज दिया है और न भरने पर एफआईआर की धमकी भी बिल पहुंचनेवाले कर्मचारी द्वारा दी गई है। इस बात से गाँववाले बहुत ही परेशान चल रहे हैं। उन्होंने बिजली कार्यालय में शिकायत भी की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

गांव के अखिलेश विश्वकर्मा ने बताया कि तीन साल पहले बिजली कर्मचारियों ने उनके यहाँ बिजली का मीटर लगा दिया था, लेकिन आज तक उसे बिजली के खंभों से जोड़ा नहीं गया है। करीब 5 दिन पहले उनकी अनुपस्थिति में उनके यहां एक बिजली कर्मचारी आया और उनकी पत्नी को बिजली का बिल थमा दिया। उनके कहने पर कि बिजली तो मिली नहीं है, तो हम बिल नहीं भरेंगे। इस पर कर्मचारी ने कहा कि बिल भरना ही पड़ेगा, नहीं तो उन पर एफआईआर होगा और उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वहीं गाँव के एक अन्य ग्रामीण जयसूरत ने कहा कि यह बिजली महकमे की सरासर बेईमानी है, जब बिजली ही नहीं मिली तो बिल कैसा! अन्य ग्रामीणों में सुबास विश्वकर्मा, हंसराज वर्मा, लालजी विश्वकर्मा, राजेंद्र वर्मा, पिंटू सिंह आदि ने भी यही शिकायत की व उनके इस बिजली बिल को रद्द करने की मांग की। 

गौरतलब है कि बिना बिजली कनेक्शन जोड़े बिजली बिल भेजे जाने से औवार गांव की तरह ही आस-पास के अन्य गावों के लोगों की भी नींद उड़ गई है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि अब वे क्या करें। इस संकट से अब उन्हें बिजली प्रशासन ही बचा सकता है।

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