अरविंद विश्वकर्मा । NavprabhatTimes.com
लखनऊ: भ्रष्टाचार और अन्याय से आजिज आकर बड़ी उम्मीदों के साथ जनता ने सत्ता परिवर्तन कर शासन की चाबी भाजपा के हाथों में सौंपी थी। उसे आशा थी कि भ्रष्टाचार व बेईमानी का समूल नाश होगा, किंतु जैसा कि पता चला है, जमीनी हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। सुल्तानपुर जिले की ऐसी ही एक घटना सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर जिले के कुंडवार ब्लाक अंतर्गत ग्रामसभा नरोत्तमपुर के ग्राम प्रधान के ससुर जी पूर्व में कोटेदार थे, जिनपर अनियमितता के आरोप सिद्ध होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा उन्हें कोटेदारी से बर्खास्त कर दिया गया था। अब प्रधान ने गुपचुप तरीके से अधिकारियों से मिलकर बिना गांव के लोगों को सूचित किए (मुनादी पिटाये) चुपचाप तरीके से कागजी कोरम पूरा कर रहे हैं। प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से बिना गांव वालों को सूचित किए प्रस्ताव पास किया जा रहा था। जिसके पता चलने पर पहुंचे गांव के लोगों व सदस्यों का आरोप भी न कार्यवाही में सम्मिलित किया गया और न विरोध को माना गया। जबरदस्ती धमकी देते हुए प्रधान के लोगों द्वारा ऐसा किया जाना संवैधानिक प्रावधानों व सामाजिक समरसता को तार-तार किया गया। किसी भी गांव की प्रधानी व कोटेदार दोनों एक ही घर में नहीं होती, वह भी बिना खुली बैठक के; लेकिन ग्राम प्रधान अधिकारियों से मिलीभगत कर अपनी ही सासू मां को कोटेदार बनाने पर तुली हुई है और अधिकारी उसकी मदद करने के लिए तत्पर हैं। गांव की लोगों में इस तरीके से भ्रष्टाचार के बलबूते गुपचुप हो रहे चयन से आक्रोश है। जिससे स्पष्ट है कि योगीराज में भ्रष्टाचार का बड़ा बोल बाला है।
राज्य सरकार ऐसे विषय को कब संज्ञान में लेकर अधिकारियों पर उचित कार्यवाही करेगी यह अब भी समय के गर्भ में छिपा हुआ है!