ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना की पांचवी लहर से जूझ रहे फ्रांस में इस महामारी का एक और नया वैरिएंट डिटेक्ट किया गया है। इसे अस्थायी तौर पर IHU नाम दिया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 46 म्यूटेशन हुए हैं, जबकि ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में 37 म्यूटेशन ही हुए थे।
कैमरून ट्रिप से फ्रांस लौटा था पहला मरीज
एक स्टडी के मुताबिक, इस वैरिएंट का पहला मरीज एक वैक्सीनेटिड एडल्ट था, जो कैमरून की ट्रिप से फ्रांस लौटा था। कैमरून से लौटने के 3 दिन बाद उसे सांस लेने में हल्की सी तकलीफ शुरू हुई। नवंबर में उसके सैंपल लिए गए, जिसमें कोरोना संक्रमण के बारे में पता चला। लेकिन संक्रमण जिस वैरिएंट से हुआ था, वह वैरिएंट पहले से मौजूद डेल्टा वैरिएंट के पैटर्न से मेल नहीं खा रहा था। बाद में मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट से भी यह सैंपल मैच नहीं हुआ। इसके बाद इसे नया वैरिएंट घोषित किया गया।
क्यों दिया गया IHU नाम?
फ्रांस में इस वैरिएंट को IHU मेडिटेरिनियन इन्फेक्शन इंस्टीट्यूट के एक्सपर्ट्स ने खोजा है। इस फाउंडेशन के नाम पर इसे IHU नाम दिया गया है। जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर कोरोना का यह नया वैरिएंट B.1.640.2 है। हालांकि, WHO की तरफ से अभी इसे कोई आधिकारिक नाम नहीं दिया गया है।
नए वैरिएंट से 12 लोग हो चुके हैं संक्रमित
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस वैरिएंट ने फ्रांस में 12 लोगों को संक्रमित किया है। इस वैरिएंट में 46 म्यूटेशन और 37 डिलीशन मिले हैं। डिलीशन भी एक तरीके का म्यूटेशन है, जिसमें जेनेटिक मटेरियल घट जाता है।
फ्रांस के मार्सिएल शहर में IHU मेडिटेरिनियन इंफेक्शन इंस्टीट्यूट के फिलिप कोलसन ने बताया- दक्षिणी फ्रांस की एक ही लोकेशन पर रहने वाले 12 कोरोना मरीजों के सैंपल्स को म्यूटेशन की जांच के लिए भेजा गया था। इन सैंपल्स में एक नया कॉम्बिनेशन देखने को मिला।
फिलिप कहा कि अभी इन 12 केसेस के आधार पर इस IHU वैरिएंट के वायरोलॉजिकल, एपिडेमियोलॉजिकल या क्लीनिकल फीचर के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। यानी इतनी जल्दी नहीं कहा जा सकता कि वायरस कैसा बर्ताव करेगा।
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