मुंबई: मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा संचालित बी.एम.रुइया गर्ल्स कॉलेज एवं सीताराम देवड़ा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा 29 दिसंबर’ 2021 को ‘जश्न-ए-आज़ादी- अमृत महोत्सव’, “आज़ादी के75वर्ष: सनातन का अमृत और नवाचार” विषय पर राष्ट्रीय व्याख्यान माला का पाँचवाँ पुष्प हिंदी विभाग और आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयोजन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस व्याख्यान में गूगल मीट पर लगभग 50 से अधिक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े अध्येता ऑनलाइन शामिल हुए। व्याख्यान के वक्ता महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के भाषा स्कूल के पूर्व प्रोफेसर डॉ. उमाशंकर उपाध्याय थे। उन्होंने सनातन का अमृत और नवाचार को नये सिरे से परिभाषित करते हुए कहा कि- अक्सर हम सभी सनातन को सिर्फ धर्म के संदर्भ में ही देखते-सुनते रहे है, आज हमें सनातन की एक नयी व्याख्या साहित्य और भाषा के संदर्भ में करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि परंपरानिष्ठ साहित्य और भाषा के अध्ययन-अध्यापन में पिछले 75 वर्षों में शैक्षिक नवाचारों का उद्भव स्वयं नहीं हुआ, बल्कि उन्हें खोजना पड़ा है तथा सुनियोजित तरीके से इन्हें प्रयोग में लाना पड़ा है, ताकि साहित्य और भाषा को परिवर्तित परिवेश में गति मिल सके और परिवर्तन के साथ गहरा तारतम्य में बनाए रख सकें।
महाविद्यालय के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रामलखन पाल ने अतिथि वक्ता का परिचय देते हुए कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। हिंदी विभाग की प्राध्यापिका मंजू यादव ने धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता पूर्ण करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।