दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत का रेको दिक जिला अपनी खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है. इनमें सोना और तांबा शामिल है. प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार इस खनिज संपदा को सामरिक रूप से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति मानती है. हालांकि देश के लिए समृद्धि लाने की जगह संभव है कि रेको दिक खनन परियोजना की देश को बड़ी कीमत चुकाने पड़े.
दरअसल इंटरनेशनल ट्रिब्यून ने पाकिस्तान पर 5.8 बिलियन डॉलर यानी 580 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा दिया है. ये जुर्माना इसलिए भारी-भरकम है क्योंकि ये पाकिस्तान की जीडीपी के लगभग दो फीसदी के बराबर है.
इंटरनेशनल ट्रिब्यून ने पाकिस्तान पर ये जुर्माना ऑस्ट्रेलियाई कंपनी का खनन पट्टा रद्द करने पर लगाया है. पाकिस्तान की सरकार ने बलूचिस्तान में टेथ्यान कॉपर कॉर्प नामक कंपनी को लीज पर माइनिंग की इजाजत दी थी लेकिन इस खनन पट्टे को पाक ने रद्द कर दिया. टेथ्यान कंपनी में ऑस्ट्रेलिया की कंपनी बैरिक गोल्ड कॉर्प और चिली की कंपनी एन्टोफगस्टो पीएलसी बराबर-बराबर की पार्टनर हैं.
जब पाकिस्तानी हुकूमत ने बलूचिस्तान में दिए खनन पट्टे को रद्द किया तो टेथ्यान इसके खिलाफ विश्व बैंक पहुंच गई. उसने वर्ल्ड बैंक के इंवेस्टमेंट झगड़ों के निपटारे के इंटरनेशनल सेंटर में पाक की शिकायत की जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय केंद्र ने पाकिस्तान सरकार को दोषी माना और उस पर 5.8 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोक दिय