अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, सुप्रसिद्ध कवि और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा व कृषि मंत्री डॉ.रवीन्द्र शुक्ल ने मुंबई विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, प्रख्यात सांस्कृतिक आलोचक और विदेश व रक्षा मामलों के विशेषज्ञ डॉ.करुणाशंकर उपाध्याय को अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य भारती का अंतरराष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि डॉ. उपाध्याय हिंदी और भारतीय भाषाओं को यथोचित सम्मान दिलाने के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘ हिंदी का विश्व संदर्भ’ में हिंदी को 64 करोड़ लोगों की मातृभाषा, 24 करोड़ लोगों की दूसरी भाषा और 42करोड़ लोगों की तीसरी , चौथी, पांचवीं अथवा विदेशी भाषा सिद्ध करते हुए उसे विश्व में सबसे ज्यादा बोली अथवा समझी जाने वाली भाषा बताया है।वे हिंदी और भारतीय भाषाओं के प्रश्न को मानवाधिकार से जोड़ते हैं और कहते हैं जो हिंदी इस समय विश्व के हर छठे व्यक्ति द्वारा प्रयुक्त होती है यदि आज वह प्रतिष्ठा सहित संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा नहीं है तो यह विश्व के हर छठे व्यक्ति के मानवाधिकार का उल्लंघन है। इसी तरह जिस भारत में 78 प्रतिशत लोग हिंदी बोलने अथवा समझने में सक्षम हैं और 98 प्रतिशत लोग हिंदी अथवा भारतीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं यदि उसके सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों में हिंदी तथा भारतीय भाषाएं बहस अथवा निर्णय से बाहर हैं तो यह इस देश के 98 प्रतिशत लोगों के मानवाधिकार के साथ खिलवाड़ है। डॉ.उपाध्याय ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिंदी तथा भारतीय भाषाओं को अनिवार्य करवाने के लिए माननीय रमेश पोखरियाल निशंक जी से भेंट भी की थी। इस संस्था के गठन से यह संकल्प गति पकड़ेगा, विभिन्न विद्वानों ने ऐसा विश्वास व्यक्त किया है।
इस संस्था की कार्यकारिणी में डॉ.विनोदकुमार मिश्र, मारीशस, डॉ.तोमोको किकुचि, जापान, डॉ.आनंदवर्धन शर्मा, बुल्गारिया तथा श्री मनीष शर्मा , कंबोडिया का समावेश किया गया है। इसके अलावा डॉ.नीलू गुप्ता , अमेरिका, डॉ.उपुल रंजीथा, श्रीलंका , डॉ.गेनादी श्लोम्पर, इजरायल, डॉ.रत्नाकर नराले, कनाडा, डॉ.सुधांशु शुक्ल , पोलैंड, डॉ.श्वेता दीप्ति नेपाल, डॉ.हेमराज सुन्दर, मारीशस, डॉ.रामेश्वर सिंह, रूस, श्री तेजेंद्र शर्मा, इंग्लैंड, श्री पंकज कुमार सिंह , संयुक्त अरब अमीरात, श्री राकेशशंकर भारती, यूक्रेन, डॉ.सुरेशचंद्र शुक्ल नार्वे तथा डॉ.संजय अग्निहोत्री , ऑस्ट्रेलिया को उनके देशों का संयोजक नियुक्त किया गया है। संस्था के अध्यक्ष डॉ.रवीन्द्र शुक्ल ने सभी पदाधिकारियों को बधाई दी है और निकट भविष्य में इसके अन्य राष्ट्रों में विस्तार का भरोसा दिया है। चूंकि आने वाला समय हिंद और हिंदी का है अतः इस संस्था का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और भारतीय भाषाओं तथा संस्कृति के प्रचार-प्रसार, हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के अलावा भारत में उसके स्वाभाविक अधिकार को दिलाना है। आज हिंदी भारत के बाहर फीजी और संयुक्त अरब अमीरात की भी आधिकारिक भाषा है। अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अपना ट्विटर हैंडल और वेबसाइट हिंदी में आरंभ कर दिया है और वह हर शुक्रवार एक घंटे का रेडियो कार्यक्रम हिंदी में आरंभ कर चुका है।
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