वाराणसी: ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में डीएलडब्ल्यू पहाड़ी स्थित बजरंगी शर्मा के निवास पर आज दिन में आयोजित विश्वकर्मा स्वाभिमान सुरक्षा संकल्प सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा राज में सामाजिक न्याय की राजनीति का अंत हो चुका है। शोषित, वंचित और सर्वहारा समाज के लोग भेदभाव तथा उपेक्षा के चलते अपने सामाजिक पहचान स्वाभिमान और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सभी दलों ने इस समाज का सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और धोखा दिया। राजनैतिक उपेक्षा तथा शून्य भागीदारी के चलते आजादी के इतने सालों बाद आज भी यह समाज राजनीतिक हाशिए पर है।
उन्होंने विश्वकर्मा पूजा दिवस के अवसर पर भाजपा व सपा द्वारा लखनऊ दिल्ली में आयोजित विश्वकर्मा सम्मेलन को राजनैतिक एवं चुनावी सम्मेलन बताते हुए कहा, “देश भर में विश्वकर्मा वंशियो के साथ ही सभी जाति और धर्म के लोग पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ अपने-अपने प्रतिष्ठानों और कल कारखानो में भगवान विश्वकर्मा की धूमधाम के साथ उत्साहपूर्वक पूजा करते हैं। राजनीति से प्रेरित यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस का बधाई व शुभकामना सम्मेलन है। इससे विश्वकर्मा समाज के लोगों का कोई सरोकार नहीं है। यह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मेलन है।”
उन्होंने कहा विश्वकर्मा पूजा पर्व समाज की आस्था परंपरा, पहचान, स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक पर्व है। जिसका राजनीतिकरण कर इसके पहचान को समाप्त, करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने भाजपा पर भगवान विश्वकर्मा को छोटे-छोटे मजदूरों और श्रमिकों का देवता तथा महापुरुष कह कर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विश्वकर्मा पूजा का घोषित अवकाश रद्द कर विश्कर्मा समाज के आस्था और स्वाभिमान पर गहरा चोट किया है। जिससे समाज में जबरदस्त आक्रोश है। उन्होंने सरकार से विश्वकर्मा पूजा पर्व का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग करते हुए सामाजिक स्वाभिमान की रक्षा और भागीदारी के लिए समाज से एकजुटता का आह्वान किया।
सभा की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष नंदलाल विश्वकर्मा एवं संचालन श्रीकांत विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ.प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, चंद्रशेखर विश्वकर्मा, भैरव विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, मिंटू विश्वकर्मा, अविनाश विश्वकर्मा, प्रेम विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, मुन्नी लाल विश्वकर्मा, छोटे लाल विश्वकर्मा, सुरेंद्र विश्वकर्मा, राजेंद्र विश्वकर्मा, दयाल विश्वकर्मा, राजकिशोर विश्वकर्मा, रामाशंकर विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, सोनू विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।