विश्वकर्मा स्वाभिमान संकल्प सम्मेलन में DLW का नाम विश्वकर्मा डीजल लोकोमोटिव वर्क्स करने की मांग

विश्वकर्मा डीजल लोकोमोटिव वर्क्स

चंदौली: शिल्पकारों के लिए संचालित योजनाओं तथा आरक्षण में भेदभाव, असमानता तथा राजनैतिक प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक न्याय एवं रोजगार के अधिकार को लेकर विश्वकर्मा समाज के परंपरागत कारीगरों एवं शिल्पकारों का ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में रविवार को दुलहीपुर स्थित फ्लोरेंस स्कूल परिसर में विश्वकर्मा शिल्पकार स्वाभिमान संकल्प सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में चंदौली एवं वाराणसी जनपद के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। सम्मेलन में विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सितंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने सहित वाराणसी DLW का नामकरण विश्वकर्मा डीजल लोकोमोटिव वर्क्स तथा वाराणसी नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन को विश्वकर्मा रथ के नाम से चलाने की मांग की गई।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा,”इस समाज का सभी दलों ने सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और धोखा देकर निराश किया। राजसत्ता में समुचित भागीदारी के अभाव में समाज के लोग सर्वाधिक शोषित, वंचित और अन्याय के शिकार हैं।”

इस सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर परंपरागत कारीगरों, शिल्पकारों के आर्थिक विकास के लिए केरल की भांति उत्तर प्रदेश में भी दस्तकार-शिल्पकार विकास निगम अथवा आयोग के स्थापना की मांग की गई। नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर जहां सड़क संग्रहालय चौक-चौराहों का नामकरण देवी-देवताओं, धर्माचार्यों, महापुरुषों और राजनेताओं के नाम पर किया गया तथा उनकी मूर्तियां लगवाई गईं और पाठ्य पुस्तकों में उनका जीवन चरित्र और कृतित्व शामिल किया गया, इसी क्रम में पड़ाव स्थित गन्ना विकास संस्थान परिसर में दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति और संग्रहालय की स्थापना की जा रही है, वहीं दूसरी ओर अपने अद्भुत रचनाधर्मिता एवं कला-कौशल से देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के नाम पर अवकाश को रद्द करके सरकार ने करोड़ों लोगों के सामाजिक स्वाभिमान तथा धार्मिक आस्था को गहरी चोट पहुंचाई है।

सम्मेलन में विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सितंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने सहित वाराणसी DLW का नामकरण विश्वकर्मा डीजल लोकोमोटिव वर्क्स तथा वाराणसी नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन को विश्वकर्मा रथ के नाम से चलाने की मांग की गई। बैठक में निर्णीत प्रस्ताव की प्रति प्रधानमंत्री भारत सरकार को भेजकर मांगों पर विचार कर शीघ्र पूरा करने का अनुरोध किया गया।

बैठक की अध्यक्षता श्रीकांत विश्वकर्मा एवं संचालन बचाऊलाल विश्वकर्मा ने किया। विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रुप से श्रीमती रेखा शर्मा चेयरमैन नगर पालिका परिषद रामनगर रमेश विश्वकर्मा, भरत विश्वकर्मा, भैरो विश्वकर्मा, डॉक्टर अरविंद गांधी, सुनील कुमार विश्वकर्मा, डा. राजेश शर्मा, नंदलाल विश्वकर्मा, मोहित विश्वकर्मा, गोविंद विश्वकर्मा, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, राधेश्याम विश्वकर्मा, रामधन विश्वकर्मा, रामअवतार विश्वकर्मा, प्यारे लाल बाबू लाल विश्वकर्मा, किरन विश्वकर्मा, दीपक विश्वकर्मा, मोनू विश्वकर्मा, रामबाबू विश्वकर्मा, रामकुमार विश्वकर्मा, गोपाल विश्वकर्मा, जितेंद्र विश्वकर्मा, प्रमोद विश्वकर्मा, मोहन विश्वकर्मा, हीरालाल विश्वकर्मा, साजन विश्वकर्मा, श्यामलाल विश्वकर्मा, नीरज विश्वकर्मा, रोशन विश्वकर्मा, जितेंद्र विश्वकर्मा, दीनदयाल विश्वकर्मा, कमलेश विश्वकर्मा, सियाराम विश्वकर्मा, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, नितेश विश्वकर्मा, संजय विश्वकर्मा, निशांत विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, चौधरी विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।

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