विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुसार हिस्सेदारी मिले- रामआसरे विश्वकर्मा

विश्वकर्मा समाज को सम्बोधिय करते पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा

बिहार (कटिहार) :- विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुसार सरकारी नौकरियों व विधानसभा, लोकसभा और सरकार में सभी राजनैतिक दलो को हिस्सेदारी देनी होगी। विश्वकर्मा समाज अब उपेक्षा और अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा और अपना अधिकार लेकर रहेगा। उक्त बाते आज कटिहार के टाउनहाल के सभागार में आयोजित विश्वकर्मा एकता समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षामन्त्री और अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा ने कही।

कार्यक्रम की शुरुआत करते पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा

श्री विश्वकर्मा ने कहा कि पूरे देश में विश्वकर्मा समाज की जनसंख्या 7.5 करोड है। यह समाज लोहार, बढई, धीमान, राना, पांचाल, मैथिल, रामगढिया, तरखान, सोनार, शिल्पकार में बंटे होने तथा क्षेत्र में बिखरे होने के कारण अभी तक समाज की ताकत  प्रदर्शित नहीं कर पाया जिसके कारण विश्वकर्मा समाज की पहचान नहीं बन पायी। आज देश की लोकसभा या प्रदेश की विधानसभा में विश्वकर्मा समाज का एक भी सांसद या विधायक नहीं है। सरकार के मन्त्रिमण्डल में  विश्वकर्मा समाज का एक भी मन्त्री नहीं बना जिसके कारण विश्वकर्मा समाज की आवाज न तो सरकार तक नहीं पहुंच पायी और न ही विश्वकर्मा समाज के विकास के लिये नीतियां बनायी जा सकी। जब तक विश्वकर्मा समाज की सरकार मे भागीदारी नहीं होगी, तब तक न तो विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढेगा और न ही इस समाज का भला होगा। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि हमारी जनसंख्या इतनी नहीं है कि हम अकेले सरकार  बना लें लेकिन इतनी अवश्य है कि हम सरकार बनाने की गणित को जरूर बिगाड सकते है। इसलिये विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुसार उन्हें अधिकार और सम्मान सभी राजनैतिक दलों को देना होगा। हम किसी का अधिकार छीनना नहीं चाहते बल्कि चाहते हैं कि केन्द्र सरकार पिछडी जातियों और विश्वकर्मा समाज की जनगणना कराये और जनसंख्या के अनुसार समाज को अधिकार और भागीदारी देने का कार्य करे।

श्री विश्वकर्मा ने कहा कि समाजवादी नीतियाँ ही समाज को आगे बढा सकती है। अगर समाजवादी रास्ते पर चलकर नाई परिवार में पैदा होकर कर्पूरी ठाकुर बिहार में मुख्यमन्त्री बन सकते हैं तो विश्वकर्मा समाज के लोग बिहार में मन्त्री क्यों नही बन सकते, इसलिए विश्वकर्मा समाज हीनता को त्याग कर राजनीति में आगे आये। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विश्वकर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामआसरे विश्वकर्मा को मन्त्री बनाया और उस समाज को सरकार में भागीदारी दी तथा देश में विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढाया। 12 वर्ष तक विधान परिषद में सदस्य बनाकर विश्वकर्मा समाज को राजनीति में भागीदारी दी। रामआसरे विश्वकर्मा को 5 वर्ष राज्य पिछडा वर्ग आयोग का अध्यक्ष और राज्यमंत्री बनाकर विश्वकर्मा समाज को उनका अधिकार देकर आगे बढाया। देश के इतिहास में प्रथम बार भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस 17 सितम्बर का सार्वजनिक अवकाश घोषित करके विश्वकर्मा की पहचान बनायी। समाज के बेरोजगार लोगो को वर्कशाप और कुटीर उद्योग लगाने हेतु ग्रामसभा की जमीन का पट्टा देने और इण्टर पास विश्वकर्मा समाज के युवको  को आईटीआई का प्रमाणपत्र जारी करने का शासनादेश जारी किया। समाज के युवकों को नौकरी और रोजगार देने का प्रबन्ध किया। समाजवादी पार्टी ने विश्वकर्मा समाज को सत्ता और सरकार में भागीदारी देकर विश्वकर्मा समाज की पहचान बनायी जो आज तक किसी अन्य दल ने नहीं किया।

श्री विश्वकर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा- कि देश के प्रधानमन्त्री ने झूठ बोलकर जनता को गुमराह किया और वोट लेकर सरकार बनायी, लेकिन आज तक न तो किसी के अच्छे दिन आये और न ही किसी के खाते में पन्द्रह लाख रुपये आये। न मंहगाई कम हुई और न किसी नवयुवक को नौकरी मिली। पिछडे और दलितों के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। देश की जनता को भाजपा सरकार से निराशा मिली है। श्री विश्वकर्मा ने केन्द्र सरकार से मांग की, कि विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुसार सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व देना सुनिश्चित किया जाय और विश्वकर्मा समाज के गौरव और स्वाभिमान के प्रतीक भगवान विश्वकर्मा के पूजा दिवस का राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय। लकडी और फर्नीचर के व्यवसाय पर लागू जीएसटी को समाप्त किया जाय। आरामशीनों का लाइसेंस केवल विश्वकर्मा समाज के रोजगार के लिये खोला जाय। पुश्तैनी रूप से कुशल कारीगर विश्वकर्मा समाज के नवयुवको को आईटीआई का प्रमाण पत्र जारी किया जाय। हुनरमन्द विश्वकर्मा समाज के नवयुवको के लिये कौशल विकास मिशन योजना में रोजगार आरक्षित  किया जाय। भूमिहीन लोगों को कुटीर उद्योग हेतु सरकारी जमीन आवंटित किया जाय। वर्षों से लम्बित विश्वकर्मा समाज को अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में सम्मिलित करने का आदेश जारी किया जाय।  सरकार विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग का गठन करे और सभी शिल्पकारों को रोजगार उपलब्ध कराये। विश्वकर्मा समाज पर हो रहे अत्याचार और उत्पीडन को सरकार तत्काल बन्द कराये और उन्हें सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराये।आवश्यकता पडी तो इन मांगो को केन्द्र सरकार से लागू कराने के लिये नई दिल्ली में पूरे देश के विश्वकर्मा समाज की विशाल रैली करके समाज की ताकत का प्रदर्शन करेंगे। जो लोग इन नीतियों पर चलेगे विश्वकर्मा समाज इन्हीं नीतियो के आधार पर सहयोग और समर्थन करेगा। समारोह का संचालन जयप्रकाश शर्मा अध्यक्षता देवचन्द्र शर्मा ने किया। समारोह को वेदप्रकाश शर्मा, मिथिलेश शर्मा उर्फ मधुकर, बी०के० शर्मा पूर्व उपप्रमुख देवेन्द्र शर्मा, रमित शर्मा, देव सुन्दर शर्मा, अशोक शर्मा, देवराज शर्मा, रामप्रवेश शर्मा, अमृतराज शर्मा, रामदेव शर्मा, मनोज शर्मा, राजेश शर्मा, अनिता शर्मा पार्षद सुमन शर्मा, पार्षद एडवोकेट सुजित शर्मा, एडवोकेट निरंजन शर्मा, संतकुमार शर्मा, मनोज शर्मा, दीपक शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, आचार्य दिनेशानन्द शर्मा, मुनेश्वर शर्मा, टुनटुन शर्मा, दिलीप शर्मा, प्रभाकर शर्मा, चन्दन शर्मा सहित कई लोगों द्वारा सम्बोधित किया।

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