मुंबई: आईसीएससी के दिशा निर्देशों पर आधारित मलाड पूर्व में डॉ. जीतेन्द्र पाण्डेय और प्राचार्य रामनयन दूबे के मार्गदर्शन में हिंदी कार्यशाला संपन्न हुई। आचार्य चन्द्रिका राय ने सभी अतिथियों का परिचय कराया। अनेकों शिक्षार्थियों ने इस कार्यशाला का लाभ उठाया।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि हिंदी शिक्षण को रोचक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी का प्रयोग समय की मांग है, किंतु आँख मूंदकर इसको अपनाना घातक साबित हो सकता है। अध्यापकों को अपना विवेक सक्रिय रखना होगा। तकनीकी का इस्तेमाल करते समय छात्रों को अवश्य शामिल करें।
प्राचार्य रामनयन दूबे ने आईसीएससी की अद्यतन गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए शिक्षण संबंधी कई सूत्र कार्यशाला में साझा किए। अजीत उपाध्याय ने उच्चारण संबंधी दोषों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक डॉ. शारदा प्रसाद शर्मा, आचार्य चन्द्रिका राय, अजीत उपाध्याय, प्राचार्या श्रीमती अनीता साहू के अलावा कई शिक्षाविद मौजूद थे ।